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बच्चों के लिए फिल्में जरूर बनाऊंगी: नंदिता दास

नंदिता दास अपने अभिनय व फिल्मों के लिए तो सदा चर्चा में रहती ही हैं, इसके अलावा अभी वो इसलिए भी चर्चा में हैं क्योंकि उनको पिछले ही दिनों इंटरनेशनल वुमन फोरम की तरफ से अवार्ड मिला...

बच्चों के लिए फिल्में जरूर बनाऊंगी: नंदिता दास
Sat, 12 Nov 2011 02:20 PM
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अभिनेत्री व निर्देशिका नंदिता दास अपने अभिनय व फिल्मों के लिए तो सदा चर्चा में रहती ही हैं, इसके अलावा अभी वो इसलिए भी चर्चा में हैं क्योंकि उनको पिछले ही दिनों इंटरनेशनल वुमन फोरम की तरफ से अवार्ड मिला है। नंदिता अभिनय तो सशक्त करती ही हैं इसके अलावा जब भीवो किसी भी अन्य क्षेत्र से जुड़ती हैं उसमें भी वो कुछ नया लाने की कोशिश करती हैं।

नंदिता दास चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी की चेयर पर्सन भी है। पिछले दिनों दिल्ली में 3 दिन का बाल फिल्म समारोह हुआ, इस अवसर पर भी वो उपस्थित रहीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा- ‘इस बाल फिल्म समारोह में बच्चों के लिए अनेक विषयों पर ज्ञानवर्धक वर्कशाप भी आयोजित किये गये। इस बाल फिल्म समारोह के अलावा जल्दी ही हैदराबाद में अंतराष्ट्रीय बाल फिल्म समारोह भी होने जा रहा है जो कि 14 नवम्बर से 20 नवम्बर तक चलने वाला है। इस 17वें अन्तरराष्ट्रीय बाल फिल्म समारोह जो कि हैदराबाद के शिल्परामम में ही हो रहा है। इसमें 86 देशों की 741 फिल्में प्रतियोगिता में आयीं और जिनमें से हमने 44 देशों की 170 फिल्मों का चुनाव किया। पहली ही बार ऐसा हुआ कि इतनी संख्या में फिल्में प्रतियोगिता के लिए इस फिल्म समारोह में शामिल हुई हैं। अन्तरराष्ट्रीय स्तर की 15 फिल्में, राष्ट्रीय स्तर में 11 फिल्में हम बच्चों को दिखा रहे हैं। पहली ही बार बच्चों (6 से 16 वर्ष) द्वारा निर्देशित फिल्में भी इसमें शामिल की गई हैं और इन फिल्मों के लिए ज्यूरी भी अलग ही है।’

उन्होंने आगे बताया कि 6 से 16 साल तक के बच्चों के लिए होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म समारोह में ईरान की ‘द अदर’, फ्रांस टेल्स ऑफ द नाइट, चीन की द स्टार एंड द सी, डेनमार्क की दे ग्रेड बीयर, भारत की चिल्लर पार्टी, स्टेनले का डिब्बा और आय एम कलाम जैसी लोकप्रिय फिल्मों के साथ-साथ आस्ट्रेलिया के निर्देशक एन्ड्र रूहेमनन की फिल्म ‘दे लोस्ट थिंग’ जो कि बहुत ही बेहतरीन एनीमेशन फिल्म है। इस फिल्म के अलावा दो बड़ी फिल्में और भी हैं ‘द अगली डकलिंग’और ‘टेल्स ऑफ द नाइट’। इन सभी फिल्मों को दिखाने के लिए हैदराबाद के शिल्परामम में 3 आर्टिफिशियल एसी थियेटर भी बनाए हैं। फीचर फिल्मों के साथ-साथ अनेकों देशों की बहुत ही अच्छी-अच्छी लघु फिल्में भी बच्चों के लिए हैं। नंदिता से ये पूछने पर कि, ‘आप भी तो अच्छी फिल्में बनाती हैं तो बच्चों के लिए फिल्म क्यों नहीं बनातीं?’ इस पर उन्होंने कहा- ‘अभी तो चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी की चेयरमैन हूं इसलिए अभी नहीं बना सकती, लेकिन मैं जल्द ही बच्चों के लिए एक फिल्म जरूर बनाऊंगी। मेरा भी बेटा बड़ा हो रहा है। मैं भी सोचती हूं कि वो क्या देखेगा बड़ा होकर।’

उनसे पूछने पर कि इस बाल समारोह से क्या वास्तव में बच्चों को कुछ हासिल होता है? उन्होंने कहा कि, ‘निस्संदेह बच्चों को कुछ अच्छी फिल्में देखने का अवसर मिलता है।’

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