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'खाद्य मुद्रास्फीति का उच्च स्तर साख के लिए खतरा'

मूडीज ने खाद्य मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को भारतीय अर्थव्यवस्था की साख के लिए जबरदस्त खतरा करार देते हुए कहा है कि इसका चालू खाता घाटे और राजकोषीय घाटे पर नकारात्मक असर...

'खाद्य मुद्रास्फीति का उच्च स्तर साख के लिए खतरा'
Mon, 18 Mar 2013 04:26 PM
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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साख निर्धारण संस्था मूडीज ने खाद्य मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को भारतीय अर्थव्यवस्था की साख के लिए जबरदस्त खतरा करार देते हुए कहा है कि इसका चालू खाता घाटे और राजकोषीय घाटे पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

मूडीज ने कहा है कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती महंगाई भारतीय व्यवस्था को व्यापक रूप से प्रभावित करेगी और इसका गंभीर परिणाम होंगे। मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि खाद्य मुद्रास्फीति के बढ़ने से कर्मचारियों की मजदूरी और वेतन पर दबाव बढ़ रहा है। जिससे सरकार की वित्त व्यवस्था नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है और मौद्रिक नीति में लचीलेपन की संभावना घट रही है।

दुनिया की तीन प्रमुख साख निर्धारण संस्थाओं में से महज मूडीज ही है जिससे भारतीय अर्थव्यव्यवस्था की साख को स्थिर स्तर पर रखा है। अन्य दो संस्थाएं भारतीय अर्थव्ववस्था की साख को नकारात्मक करार दे चुकी है। इससे पहले पिछले सप्ताह स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ी है।

एसएंडपी ने कहा है कि सरकार का वित्त वर्ष 2013-14 के लिए आम बजट वित्तीय रूप से मजबूत है, लेकिन व्यय का उच्च स्तर जोखिम वाला है। बजट में घोषित किए गए राजस्व वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करना एक महत्वपूर्ण चुनौती रहेगी।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.84 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसी वर्ष जनवरी में यह महंगाई दर 6.62 प्रतिशत रही थी और पिछले वर्ष फरवरी में मुद्रास्फीति 7.56 प्रतिशत पर थी। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी तक कुल मिलाकर औसत मुद्रास्फीति की दर 5.71 प्रतिशत रही है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की आलोच्य अवधि में यह 6.56 प्रतिशत रही थी।

दूसरी ओर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई लगातार पांचवें महीने बढ़त के साथ 10.91 प्रतिशत पर पहुंच गई। जनवरी 2012 में यह 10.79 प्रतिशत पर रही थी। खुदरा महंगाई दिसंबर 2012 में दो अंकों 10.56 प्रतिशत पर पहुंची थी और तब से यह नीचे नहीं आई है। नवंबर में यह 9.90 प्रतिशत रही थी।

देश का निर्यात लगातार दूसरे महीने फरवरी में 4.25 प्रतिशत बढ़कर 26.26 अरब डॉलर पर पहुंच गया, लेकिन इस अवधि में आयात के 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 41.1 अरब डॉलर पहुंचने से व्यापार घाटा 14.92 अरब डॉलर रहा है।

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