'जीवनरक्षण की बुनियादी तकनीक में भी ट्रेनिंग होनी चाहिए'
लंदन ओलंपिक कांस्य पदकधारी एम सी मैरीकॉम को लगता है कि रिंग के अंदर और बाहर दोनों में खतरा होता है इसलिये एथलीटों और आम आदमी के लिये जीवनरक्षण की बुनियादी तकनीक की ट्रेनिंग करना जरूरी...
दुनिया में मुक्केबाजी से भी अधिक बर्बर खेल हैं लेकिन लंदन ओलंपिक कांस्य पदकधारी एम सी मैरीकॉम को लगता है कि रिंग के अंदर और बाहर दोनों में खतरा होता है इसलिये एथलीटों और आम आदमी के लिये जीवनरक्षण की बुनियादी तकनीक की ट्रेनिंग करना जरूरी है।
पांच बार की चैम्पियन मैरीकॉम और महिला मुक्केबाजी की महान खिलाड़ी को लगता है कि मुक्केबाजों को कुछ चिकित्सीय आपात स्थितियों से निपटने के लिये ट्रेनिंग देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि एथलीटों को चिकित्सीय आपात स्थिति से निपटने के लिये ट्रेनिंग देनी चाहिए क्योंकि इस तरह की ट्रेनिंग उस समय मददगार हो सकती है जब कोई साथी एथलीट चोटिल हो जाये और वहां चिकित्सीय सुविधा तुरंत उपलब्ध नहीं हों।
विवो हेल्थकेयर जैसी संस्थायें लोगों इन जीवनरक्षण की बुनियादी तकनीक में ट्रेनिंग दे रही हैं और ऐसा ही एक शिविर 20 अक्टूबर को गुड़गांव में आयोजित होगा। इस तरह की ट्रेनिंग दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, जयपुर, पुणे, गुड़गांव, नोएडा, बेंगलूरु और अन्य जगहों पर की जा रही है।