फोटो गैलरी

Hindi Newsअपनी पटकथा के लिए आमिर से लड़ना पड़ा किरण

अपनी पटकथा के लिए आमिर से लड़ना पड़ा : किरण

फिल्मकार किरण राव कहती हैं कि पटकथा लेखक का दृष्टिकोण निर्देशक या निर्माता से हमेशा अलग होता है और उसे अपने काम की मूल भावना को बचाए रखने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता...

अपनी पटकथा के लिए आमिर से लड़ना पड़ा : किरण
Fri, 03 Aug 2012 02:26 PM
ऐप पर पढ़ें

फिल्मकार किरण राव कहती हैं कि पटकथा लेखक का दृष्टिकोण निर्देशक या निर्माता से हमेशा अलग होता है और उसे अपने काम की मूल भावना को बचाए रखने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भी ‘धोबी घाट’ की पटकथा के लिए झगड़ा किया था।

किरण ने यहां चल रहे ओशियान सिने-फैन फिल्म महोत्सव से इतर कहा कि अक्सर जब पटकथा लेखक निर्देशक या निर्माता को अपनी पटकथा सौंप देते हैं तो उनके पास कोई विकल्प नहीं रह जाता। उन पर दबाव होता है और वे निर्देशक या निर्माता द्वारा उसमें किए जा रहे फेरबदल को निस्सहाय रूप से देखते रहते हैं। मुझे अपनी पटकथा बचाने के लिए आमिर से झगड़ा करना पड़ा लेकिन शुक्र है कि मैं जैसी चाहती थी वैसी फिल्म मैंने बनाई।

उन्होंने कहा कि आमिर सलाह देते रहते थे कि यह जोड़ा जा सकता है या वह जोड़ा जा सकता है। मुझे अपनी पटकथा बचाने को उनसे झगड़ा करना पड़ा। किरण स्वीकार करती हैं कि पटकथा में बदलाव किए जाने पर वह अच्छी भी हो सकती है और खराब भी हो सकती है।

उन्होंने ‘धोबी घाट’ की पटकथा भी लिखी थी और उसका निर्देशन भी किया था जबकि आमिर ने फिल्म का निर्माण किया था। किरण ने आमिर के साथ मिलकर ‘पीपली लाइव’ और ‘डेली बेली’ का निर्माण किया। उनकी अगली फिल्म ‘तलाश’ है।

वह कहती हैं कि सिर्फ अलग दिखने के लिए प्रयोग नहीं करने चाहिए और निर्माता का पैसा व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि फिल्म निर्माण में सबसे जरूरी बात यह है कि उसे लेकर आप ईमानदार महसूस करते हों। यदि उसमें पुराने स्थापित नियम टूटते हों तो इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन यह तभी तक ठीक है, जब तक आप जानबूझकर ऐसा न करते हों। उन्होंने कहा कि खुद को चुनौती देना अच्छी बात है लेकिन इसके प्रति जागरूक रहना भी जरूरी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें