फोटो गैलरी

Hindi Newsसंन्यास को फैसला तेंदुलकर को करने दोः पूर्व क्रिकेटर

संन्यास को फैसला तेंदुलकर को करने दोः पूर्व क्रिकेटर

कपिल देव के इस विचार पर कि सचिन तेंदुलकर को विश्वकप के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए था, पूर्व क्रिकेटरों ने कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि संन्यास लेने का फैसला उन्हें स्वयं करने देना...

संन्यास को फैसला तेंदुलकर को करने दोः पूर्व क्रिकेटर
Mon, 05 Mar 2012 08:28 PM
ऐप पर पढ़ें

पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव के इस विचार पर कि सचिन तेंदुलकर को विश्व कप के बाद ही वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए था, आज पूर्व क्रिकेटरों ने कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि वह अब भी टीम का मुख्य खिलाड़ी है और संन्यास लेने का फैसला उन्हें स्वयं करने देना चाहिए।

आस्ट्रेलियाई दौरे में तेंदुलकर की खराब फार्म के कारण कपिल ने सुझाव दिया कि इस स्टार बल्लेबाज को अपना टेस्ट करियर लंबा खींचने के लिए वनडे से संन्यास ले लेना चाहिए। हालांकि अन्य क्रिकेटरों का मानना है कि तेंदुलकर अब भी इस प्रारूप में योगदान दे सकता है और उनके संन्यास की बात करना जरूरी नहीं है।

पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने कहा कि सचिन को अकेला छोड़ दो। वह अब भी हमारा मुख्य खिलाड़ी है। मैं उन लोगों से सहमत नहीं हूं जो कह रहे हैं कि उन्हें संन्यास लेना चाहिए। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को काफी कुछ दिया है। वह सभी तरह के सम्मान के हकदार हैं। सचिन को अकेला छोड़ दो।

पूर्व भारतीय कप्तान गुंडप्पा विश्वनाथ ने कहा कि मैं हमेशा कहता रहा हूं कि सचिन को अपने करियर का फैसला करने देना चाहिए। मैं इसके अलावा अभी भारतीय क्रिकेट पर कोई और टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।

एक अन्य पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने भी कपिल के विचारों से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि ये कपिल के विचार हैं। यह तेंदुलकर का एकाधिकार है कि कब संन्यास लेना है। मैं नहीं मानता कि हममें से कोई यह कहने की स्थिति में है कि तेंदुलकर को संन्यास लेना चाहिए।

पूर्व सलामी बल्लेबाज अंशुमन गायकवाड़ ने कहा कि तेंदुलकर को अब भी वनडे में खेलना चाहिए क्योंकि वह अब भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और कोई भी युवा खिलाड़ी उनकी जगह लेने के लिए तैयार नहीं है।

गायकवाड़ ने कहा कि मुझे एक कारण बताओ कि सचिन को वनडे से क्यों संन्यास लेना चाहिए। इसलिए कि वह 20 साल से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा है। या फिर इसलिए कि उन्होंने लंबे समय से उच्च मानक तय किए हैं या इसलिए वह 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक की दहलीज पर खड़ा है।

उन्होंने कहा कि सचिन अब भी 40 या 50 रन बना रहा है। मुझे किसी एक युवा खिलाड़ी का नाम बताओ जो उनकी जगह लेने के लिए तैयार है। युवाओं को अच्छा प्रदर्शन तो करने दो। युवा लगातार एक जैसा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
कपिल ने अपने कालम में महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी की भी आलोचना की लेकिन मोरे ने कहा कि धौनी की कप्तानी में कुछ भी गलत नहीं है और कोई भी उनकी जगह नहीं ले सकता है।

मोरे ने कहा कि उनकी कप्तानी में कुछ भी गलत नहीं है। हमने खराब खेल दिखाया। पूरी टीम असफल रही फिर कप्तान को ही क्यों निशाना बनाया जाए। हमारे पास टेस्ट मैचों में 20 विकेट लेने लायक अच्छा गेंदबाजी आक्रमण नहीं है। गायकवाड़ ने कहा कि आस्ट्रेलिया में पूरी टीम असफल रही और धौनी पर इसका दोष नहीं मढ़ा जाना चाहिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें