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विवादों ने नहीं छोड़ा भारत और भारतीयों का दामन

केरल में कोल्लम के तट पर इटली के एक व्यापारिक पोत पर सवार दो मरीन ने भारत के दो मछुआरों को कथित रूप से गोली मार...

विवादों ने नहीं छोड़ा भारत और भारतीयों का दामन
Tue, 25 Dec 2012 06:40 PM
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केरल में कोल्लम के तट पर इटली के एक व्यापारिक पोत पर सवार दो मरीन ने भारत के दो मछुआरों को कथित रूप से गोली मार दी, जिससे आम तौर पर दोस्ताना रहने वाले दोनों देशों के बीच विवाद पैदा हो गया और वर्षभर इससे जुड़ी गतिविधियों सामने आती रहीं। इसके अलावा पूरे वर्ष में कई विवाद भारतीय नागरिकों के नाम दर्ज हुए।
   
दुनियाभर में भारतीय नागरिकों से जुड़े विवादों की शुरुआत जनवरी से ही हो गई जब शंघाई में रह रहे दो भारतीयों और एक भारतीय राजनयिक के साथ र्दुव्‍यवहार किया गया। राजनयिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया और भारत ने चीन के समक्ष इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
   
भारतीयों से र्दुव्‍यवहार की घटनाओं के बाद चीन ने भारतीय नागरिकों के लिए पर्याप्त सुरक्षा का वादा किया और मामले में लिप्त होने के संदेह में पांच स्थानीय लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की।
   
पहले सप्ताह में ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी को वीजा देने से इंकार कर दिया जो दस जनवरी से बीजिंग यात्रा पर जाने वाले दल में शामिल थे।
   
नवंबर में अरंणाचल प्रदेश और अक्साई चीन की भूमि पर दावे को लेकर भारत चीन के बीच फिर विवाद हुआ। चीनी सरकार ने अपने नए ई पासपोर्ट पर देश के नक्शे में अरूणाचल और पूरे अक्साई चीन को अपना हिस्सा बताया। बीजिंग में भारतीय दूतावास ने चीनी नागरिकों को जो वीजा जारी किए उनमें अरूणाचल और अक्साई चिन को भारत के नक्शे में दिखाया गया।
   
भारत और इटली के रिश्ते भी इस साल विवादों में घिरे। केरल में एक इतालवी व्यापारिक पोत के दो मरीन ने 15 फरवरी को कोल्लम के तट पर दो भारतीय मछुआरों को कथित तौर पर गोली मार दी जिसके बाद भारत ने इटली के राजदूत को तलब कर घटना पर कड़ा विरोध जताया। इतालवी व्यापारिक पोत के अधिकारी दोनों आरोपी मरीन को भारत के सुपुर्द करने पर सहमत हो गए। आरोपी पोत को भारतीय तट पर रोका गया।
   
20 फरवरी को कोल्लम में दोनों इतालवी मरीनों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। मजिस्ट्रेट ने उनका यह तर्क खारिज कर दिया कि भारतीय कानून के तहत उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
   
इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने इतालवी उप विदेश मंत्री स्टीफन दे मिस्तुरा से मुलाकात में तीखी प्रतिक्रिया जताई और मिस्तुरा ने अपना पक्ष रखा जिसके बाद इस मुद्दे पर गतिरोध दूर करने के प्रयास नाकाम रहे।
   
कोल्लम की एक अदालत ने 29 फरवरी को इटली का अपने फारेन्सिक विशेषज्ञों को इतालवी पोत से जब्त हथियारों की जांच के दौरान मौजूद रहने देने का आग्रह ठुकरा दिया।
   
इतालवी मरीन द्वारा दो मछुआरों को मारने के आरोपी पोत को जब्त करने के मामले में उच्चतम न्यायालय ने दो मई को पोत को शेष मरीन और चालक दल के सदस्यों के साथ भारतीय तट से जाने की अनुमति दी।
   
मार्च महीने में श्रीलंकाई नौसैनिकों के कथित हमले में तमिलनाडु के 16 मछुआरे घायल हो गए। भारत ने यह मामला कोलंबो के समक्ष उठाया जिसने कहा कि वह मामले की जांच कर रहा है।
   
13 अप्रैल को बॉलीवुड के अभिनेता शाहरुख खान एक निजी विमान से नीता अंबानी के साथ भारत से अमेरिका पहुंचे, लेकिन न्यू हैवन हवाई अड्डे पर शाहरुख को आव्रजन अधिकारियों ने करीब दो घंटे तक रोके रखा। शाहरुख वहां येल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करने गए थे। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक को तलब किया।
   
इससे पहले विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि रोकना और माफी मांगना अमेरिका की आदत बन चुकी है और यह सिलसिला आगे जारी नहीं रखा जा सकता। दूसरी ओर अमेरिका ने शाहरुख खान को बीते तीन बरस में दो बार हवाई अड्डे पर रोके जाने के मामले में किसी नस्लीय कारण से इंकार किया।
   
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते इस बरस भी मधुर नहीं रहे। भारत जहां पूरे बरस मुंबई हमला मामले के दोषियों पर कार्रवाई की मांग करता रहा, वहीं पड़ोसी देश के गृह मंत्री रहमान मलिक ने दिसंबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान बाबरी मस्जिद विध्वंस की तुलना मुंबई हमला मामले से कर डाली। मलिक ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश में शामिल अबू जंदल को एक भारतीय खुफिया एजेंसी का एजेंट भी कह डाला।
   
भारत या उससे जुड़े विवाद दूसरे देशों में भी हुए। जुलाई के आखिर में अमेरिका के कैलीफोर्निया की एक कंपनी आइकन शूज की ओर से जूतों पर भगवान बुद्ध की तस्वीरें दिखाने से विवाद उठा और बौद्ध समुदाय के लोगों ने बुद्ध के इस अपमान पर गुस्सा जताया।
   
जनवरी में एक अमेरिकी टेलीविजन ने अपनी वेबसाइट पर खेल की कमेंट्री में हिंदू देवी-देवताओं का वर्णन करने के लिए अजीब शब्द का इस्तेमाल किया जिस पर हिंदू समुदाय ने विरोध जताया और टीवी स्टेशन ने अपनी टिप्पणी वापस ली।

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