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भारतीय चयनकर्ताओं के सामने कड़ी चुनौती

भारतीय चयनकर्ता बांग्लादेश में अगले महीने होने वाले एशिया कप के लिए टीम के चयन के लिए बैठक करेंगे तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया में टीम के लचर प्रदर्शन को देखते हुए टीम चुनने से पहले काफी सोच विचार करना...

भारतीय चयनकर्ताओं के सामने कड़ी चुनौती
Tue, 28 Feb 2012 02:39 PM
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भारतीय चयनकर्ता बांग्लादेश में अगले महीने होने वाले एशिया कप के लिए बुधवार को जब यहां राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के चयन के लिए बैठक करेंगे तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया में टीम के लचर प्रदर्शन को देखते हुए टीम चुनने से पहले काफी सोच विचार करना होगा।
   
ऑस्ट्रेलिया में खिलाड़ियों की सामूहिक विफलता के बाद कृष्णमाचारी श्रीकांत और उनके साथी चयनकर्ताओं को भारतीय क्रिकेट को दोबारा पटरी पर लाने के लिए संतुलन बनाना होगा। चयन समिति पर ऑस्ट्रेलिया में खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टीम से बाहर करने के लिए देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का दबाव होगा।
    
अब देखना यह होगा कि चयनकर्ता मौजूदा दौरे पर खराब फॉर्म से जूझ रहे सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर बल्लेबाजों और लचर प्रदर्शन करने वाले जूनियर खिलाड़ियों सुरेश रैना, रोहित शर्मा और रविंद्र जडेजा को टीम से आराम या बाहर करके युवा खिलाड़ियों को मौका देते हैं या नहीं।
    
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पिछले कुछ समय से लगातार क्रिकेट खेल रहे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को 11 से 22 मार्च तक ढाका में होने वाले टूर्नामेंट के लिए आराम दिया जाता है या नहीं। भारत गत चैम्पियन और पांच बार का विजेता है और साथ ही टीम में भारी फेरबदल की उम्मीद भी नहीं है लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो विदेशी दौरों पर टीम के खराब प्रदर्शन के बाद कुछ बदलाव तय हैं।

टीम में कुछ चोटों की समस्या भी हैं। तेज गेंदबाज आर विनय कुमार और ऑलराउंडर इरफान पठान चोटिल है। टीम में आमूलचूल बदलाव के लिए रिजर्व खिलाड़ियों का बड़ा पूल मौजूद होना चाहिए लेकिन मौजूदा क्षेत्रीय एकदिवसीय टूर्नामेंट में प्रदर्शन को देखते हुए अधिक विकल्प उपलब्ध नहीं हैं।
    
इरफान के भाई यूसुफ ने चोट के बाद खेलना शुरू कर दिया है और उन्हें सौराष्ट्र के खिलाफ दो दिन पहले 10 छक्कों और छह चौकों की मदद से शतक जड़कर दिखा दिया कि वह अपनी बल्लेबाजी शैली की अनुकूल उपमहाद्वीप की पिचों पर कैसे मैच का पासा पलटने में सक्षम हैं।
    
जडेजा ऑस्ट्रेलिया में विफल रहे जबकि टेस्ट विशेषज्ञ प्रज्ञान ओझा भी मौजूदा घरेलू वनडे टूर्नामेंट में काफी विकेट चटकाने में नाकाम रहे हैं। यूसुफ के हालांकि उनकी ऑलराउंड क्षमता के कारण टीम में वापसी की संभावना है।
    
चयनकर्ताओं की नजरें आक्रामक बल्लेबाज रोबिन उथप्पा पर भी टिकी होंगी जो घरेलू एकदिवसीय टूर्नामेंट में एक शतक सहित 292 रन जुटाकर सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। हैदराबाद के डी रवि तेजा पांच मैचों में 354 रन के साथ शीर्ष स्कोरर हैं जबकि तमिलनाडु के विकेटकीपर दिनेश कार्तिक 302 रन के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
    
तेजा आक्रामक बल्लेबाज के अलावा उपयोगी लेग स्पिनर भी हैं जबकि धौनी को आराम देने की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय अनुभव के कारण कार्तिक को मौका मिल सकता है। टेस्ट में धौनी के बाद नंबर दो विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने भी वनडे लीग में बंगाल की ओर से अच्छे प्रदर्शन के बाद चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा होगा। उन्होंने तीन मैचों में 206 रन बनाए हैं।
    
इसके अलावा असम के धीरज जाधव, कर्नाटक के गणेश सतीश, सौराष्ट्र के युवा बल्लेबाज चिराग जानी, गोवा के स्वप्निल असनोदकर और महाराष्ट्र के अंकित बावने ने भी क्षेत्रीय एकदिवसीय मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

गेंदबाजी विभाग में हालांकि अधिक विकल्प नहीं हैं। चयनकर्ता हालांकि चोटों की समस्या से जूझने वाले मुनाफ पटेल और अशीष नेहरा के नाम पर विचार कर सकते हैं जो विश्वकप विजेता टीम के सदस्य थे।
    
बंगाल के तेज गेंदबाज अशोक डिंडा घरेलू टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में रहे हैं और टीम में लंबे समय बाद वापसी कर सकते हैं। घरेलू वनडे में सर्वाधिक विकेट चटकाने वालों की सूची में कर्नाटक के रोनित मोरे 11.5 की औसत से 15 विकेट चटकाकर शीर्ष पर हैं। दिल्ली के अनुभवी परविंदर अवाना और रेलवे के शैलेंद्र गहलोत ने भी प्रभावित किया है।
    
कर्नाटक के अभिमन्यु मिथुन और महाराष्ट्र के बायें हाथ के स्पिनर अक्षय दारेकर भी प्रभावी प्रदर्शन करने में सफल रहे हैं।

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