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तीन भारतीय मुक्केबाज एशियाई चैम्पियनशिप फाइनल में

युवा भारतीय मुक्केबाज एल देवेंद्रो सिंह, शिव थापा, और मंदीप जांगड़ा ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए जोर्डन के अम्मान में एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश...

तीन भारतीय मुक्केबाज एशियाई चैम्पियनशिप फाइनल में
Mon, 08 Jul 2013 02:39 PM
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युवा भारतीय मुक्केबाज एल देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा), शिव थापा (56 किग्रा) और मंदीप जांगड़ा (69 किग्रा) ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए जोर्डन के अम्मान में एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया।
    
तीन युवा मुक्केबाजों ने इस तरह टूर्नामेंट से कम से कम रजत पदक तो पक्का कर लिया है। देवेंद्रो ने चीन के एल वी बिन के खिलाफ शुरू से ही दबदबा बनाते हुए आसानी से जीत दर्ज कर ली। विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाला यह मुक्केबाज जब कजाखस्तान के तेमेरतास जुसुपोव से भिड़ेगा तो वह अपने पहले पदक का रंग बेहतर करना चाहेगा।
    
पिछले साल लंदन ओलंपिक के बाद अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल रहे थापा ने सेमीफाइनल में किर्गिस्तान के मालबेकोव उमुरबेक को तेज मुक्कों से पराजित किया। उन्हें सर्वसम्मति से लिए गए फैसले से जीत मिली। आज उनका सामना घरेलू टीम के मुक्केबाज ओबाडा अलकाबेथ से होगा।
    
जांगड़ा ने भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा। इस 20 वर्षीय भारतीय ने मंगोलिया के एशियाई खेलों के कांस्य पदकधारी जारगल ओटगोनजारगल को पराजित किया और सर्वसम्मति वाले निर्णय से फाइनल में प्रवेश किया। राष्ट्रीय चैम्पियन अब फाइनल में कजाखस्तान के 2010 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदकधारी दानियार येलेयुसिनोव से भिड़ेगा।

लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी मनोज कुमार (64) को लाइट वेल्टरवेट वर्ग के सेमीफाइनल में निराशा हाथ लगी। उन्होंने ओलंपिक कांस्य पदकधारी उरानचिमेगिन को चुनौती दी लेकिन मंगोलियाई मुक्केबाज ने उन्हें शिकस्त दी जिससे इस भारतीय को टूर्नामेंट में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
    
राष्ट्रीय कोच जीएस संधू सेमीफाइनल में सभी चारों मुक्केबाजों के प्रदर्शन से काफी खुश थे। संधू ने कहा कि जिन तीन लड़कों ने फाइनल में जगह बनायी, उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया। उन्होंने कुछ कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना किया और चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचकर अपनी काबिलियत साबित की।
    
उन्होंने कहा कि यहां तक कि मनोज ने भी मशहूर मुक्केबाज को कड़ी चुनौती दी, अंत तक दोनों के बीच काफी अंतर नहीं था लेकिन वह बेहतर मुक्केबाज से हारा।

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