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फिर उभरी एमपीसीए और आईडीसीए की खींचतान

भारत और वेस्ट इंडीज के बीच गुरुवार को यहां होने वाले एक दिवसीय मैच की पृष्ठभूमि में एमपीसीए और आईडीसीए की आपसी खींचतान एक बार फिर सामने आ गई...

फिर उभरी एमपीसीए और आईडीसीए की खींचतान
Wed, 07 Dec 2011 02:08 PM
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भारत और वेस्टइंडीज के बीच गुरुवार को यहां होने वाले एकदिवसीय मैच की पृष्ठभूमि में मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) और इंदौर संभागीय क्रिकेट संगठन (आईडीसीए) की आपसी खींचतान एक बार फिर सामने आ गई है।
     
आईडीसीए अध्यक्ष और प्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने संभागीय संगठन से कथित भेदभाव के विरोध में उस विशेष पास का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है, जो उन्हें एमपीसीए की ओर से अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मुकाबले के लिए मुहैया कराया है।
     
विजयवर्गीय ने कहा कि ग्वालियर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए वहां के संभागीय क्रिकेट संगठन के सदस्यों को विशेष पास दिए जाते हैं। मगर इंदौर में होने वाले भारत-इंडीज मैच के लिए केवल उन्हें विशेष दीर्घा का पास दिया गया है और आईडीसीए सदस्यों से भेदभाव किया गया है।
     
उन्होंने कहा कि मैं आईडीसीए सदस्यों को छोड़कर विशेष दीर्घा में बैठकर यह मैच नहीं देख सकता। इसलिए मैंने तय किया है कि मैं मैच के लिए एमपीसीए से मिले विशेष पास का इस्तेमाल नहीं करुंगा। आईडीसीए अध्यक्ष ने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने एमपीसीए के कथित भेदभाव के चलते भारत-इंडीज मैच के बहिष्कार के संबंध में कोई बयान दिया है।

विजयवर्गीय ने कहा कि मैं चाहता हूं कि यह मैच शांति से हो और दर्शक अच्छी यादें लेकर स्टेडियम से लौटें। अगर मुझे मैच देखने के लिए वक्त मिला तो मैं बाकायदा खरीदे हुए टिकट पर आईडीसीए सदस्यों के साथ एक आम दर्शक की हैसियत से इस मुकाबले का मजा लूंगा।
     
एमपीसीए के बहुचर्चित चुनावों में 22 अगस्त 2010 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट ने विजयवर्गीय खेमे को तगड़ी शिकस्त दी थी। ग्वालियर के पूर्व राजघराने से ताल्लुक रखने वाले सिंधिया प्रदेश के उद्योग मंत्री को हराकर लगातार तीसरी बार एमपीसीए के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। 

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