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वीजा बांड मुद्दे पर ब्रिटेन सरकार में मतभेद

भारत सहित कुछ देशों से आने वालों से 3,000 पौंड का वीजा बांड लेने की प्रस्तावित विवादास्पद योजना पर देश की गठबंधन सरकार में मतभेद हैं और एक वरिष्ठ मंत्री ने इस कदम को बहुत निराशाजनक करार दिया...

वीजा बांड मुद्दे पर ब्रिटेन सरकार में मतभेद
Tue, 30 Jul 2013 06:27 PM
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भारत सहित कुछ देशों से आने वालों से 3,000 पौंड का वीजा बांड लेने की प्रस्तावित विवादास्पद योजना पर देश की गठबंधन सरकार में मतभेद हैं और एक वरिष्ठ मंत्री ने इस कदम को बहुत निराशाजनक करार दिया है।

व्यापार मंत्री विंस केबल ने स्वीकार किया है कि प्रस्तावित योजना से गलत संदेश जाएगा। इस योजना को लेकर पहले ही दुनिया भर में रोष है। केबल ने फिनांशल टाइम्स को बताया कि यह बहुत ही निराशाजनक है और इस पर समूचे गठबंधन में सहमति नहीं है। इससे लगता है कि यह संदेश जा रहा है कि ब्रिटेन व्यापार के लिए बंद है।

उन्होंने कहा कि इस वीजा योजना तथा राष्ट्रमंडल देशों पर बांड से वे लोग फ्रांस तथा जर्मनी जा रहे हैं जो आमतौर पर ब्रिटेन में रहते हैं कारोबार करते हैं। केबल को व्यापार अनुकूल रुख के लिए जाना जाता है। उन्होंने पिछले महीने यहां आए भारत के उदयोग मंत्री आनंद शर्मा को आश्वासन दिया था कि इस तरह की योजना को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।

कंजर्वेटिव पार्टी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार देश में आव्रजकों की संख्या घटाना चाहती है और वीजा अवधि से अधिक दिन ठहरने वालों पर काबू पाना चाहती है। गृह मंत्रालय को इस प्रस्तावित प्रायोगिक योजना पर फिर से विचार को बाध्य होना पड़ा है।

इस प्रस्ताव के तहत कतिपय उच्च जोखिम वाले देशों से वीजा आवेदनों के साथ बांड मांगने का प्रस्ताव है। ऐसा माना जाता है कि इन देशों में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, नाइजीरिया तथा घाना है। कल यह सामने आया कि तमाम विरोधों के बावजूद यह यह योजना इस साल नवंबर से 12 महीने के लिए प्रायोगिक आधार पर लागू होगी। भारतीय उद्योग जगत ने इस योजना पर अपना विरोध पहले ही जताया है।

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