ईरान करे IAEA के साथ पूर्ण सहयोग: भारत
भारत ने कहा है कि ईरान को विश्व बिरादरी में इस विश्वास की बहाली के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी का पूर्ण सहयोग करना चाहिए कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए...
भारत ने कहा है कि ईरान को विश्व बिरादरी में इस विश्वास की बहाली के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी का पूर्ण सहयोग करना चाहिए कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के कार्यवाहक स्थाई प्रतिनिधि मंजीव सिंह पुरी ने कल कहा कि नयी दिल्ली हमेशा इस बात का समर्थन करती रही है कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय संधियों के अनुरूप शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु उर्जा के इस्तेमाल का अधिकार है।
पुरी ने यहां सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव 1737 पर कहा, ईरान को विश्व बिरादरी में इस विश्वास की बहाली के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी का पूर्ण सहयोग करना चाहिए कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण प्रकृति का है।
यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम बंद नहीं करने पर इसी प्रस्ताव के तहत ईरान पर प्रतिबंध लगाए गए थे। पश्चिमी देशों को संदेह है कि असैन्य परमाणु कार्यक्रम के बहाने ईरान परमाणु बम बनाना चाहता है, लेकिन ईरान बार-बार इससे इनकार करता रहा है।
पुरी ने उम्मीद जताई कि आईएईए के साथ ईरान के सहयोग से तेहरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित लंबित तकनीकी मुद्दों का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान होगा।
उन्होंने कहा कि आईएईए निदेशक के तेहरान दौरे तथा सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों और जर्मनी तथा ईरान के बीच इस्तांबुल एवं बगदाद में हुई वार्ता सहित ईरान आईएईए के बीच संवाद का भारत स्वागत करता है।
पुरी ने कहा कि हमारा मानना है कि यह बातचीत जारी रहनी चाहिए और उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष अगले हफ्ते मॉस्को में होने वाली अगले दौर की वार्ता में प्रगति करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत ईरानी परमाणु मुद्दे से संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के कार्यान्वयन का समर्थन करता है। पुरी ने कहा कि हालांकि, इन प्रस्तावों को कार्यान्वित करते हुए यह आवश्यक है कि ऐसे सभी प्रयास किए जाने चाहिए जिससे वैध व्यपार एवं आर्थिक गतिविधियों पर असर नहीं पड़े।