आउट या नॉटआउट थर्ड अंपायर ने पैदा किया भ्रम
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिकोणीय वनडे क्रिकेट सीरीज के मैच में आज यहां तीसरे अंपायर ने जब गलती की तो उससे जिस तरह का ड्रामा तैयार हुआ उसमें असमंजस, कॉमेडी, खुशी और दर्द सभी कुछ शामिल...
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिकोणीय वनडे क्रिकेट सीरीज के मैच में आज यहां तीसरे अंपायर ने जब गलती की तो उससे जिस तरह का ड्रामा तैयार हुआ उसमें असमंजस, कॉमेडी, खुशी और दर्द सभी कुछ शामिल था। यदि कोई नाखुश था तो वह शख्स कोई और नहीं बल्कि भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी थे।
ऑस्ट्रेलियाई पारी के 29वें ओवर में सुरेश रैना की गेंद पर भारत ने माइकल हस्सी के खिलाफ स्टंप आउट की अपील की। मैदानी अंपायरों ने उसे तीसरे अंपायर ब्रूस ओक्सेनफोर्ड के लिए रेफर कर दिया। तीसरे अंपायर के पास दो ही विकल्प होते हैं कि वह आउट दे या फिर बल्लेबाज को नॉटआउट करे। उसके सामने दो बटन होते हैं आउट और नॉटआउट के। ऑक्सेनफोर्ड ने भी इनमें से एक ही विकल्प चुना लेकिन इससे बड़ा नाट्कीय दृश्य पैदा हो गया।
रीप्ले से लग रहा था कि जब धौनी ने गेंद विकेटों पर लगायी थी तब हस्सी का पांव क्रीज पर था लेकिन ऑक्सेनफोर्ड ने उन्हें आउट करार दे दिया। हस्सी जब पवेलियन लौट रहे थे तब मैदानी अंपायर बिली बोडेन ने उन्हें वापस बुलाने के लिए दौड़े।
असल में तीसरे अंपायर ने गलत बटन दबा दिया था लेकिन उन्हें तुरंत ही अपनी गलती का अहसास हो गया और उन्होंने मैदानी अंपायरों से बात करके बल्लेबाज को वापस बुलाने के लिए कहा। हस्सी हंसते हुए क्रीज पर पहुंचे लेकिन धौनी इससे खुश नहीं दिखे और उन्हें बोडेन के साथ काफी गंभीर बातचीत करते हुए देखा गया। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक समय चार विकेट पर 119 रन हो गया था लेकिन वह फिर से तीन विकेट पर 119 रन हो गया।
तब वसीम अकरम और रवि शास्त्री कमेंट्री कर रहे थे लेकिन वह भी धोनी की तरह ही इस मामले को लेकर गंभीर दिखे। अकरम ने कहा कि वहां केवल दो बटन होते हैं और आपको उनमें से एक को दबाना होता और आप ऐसा भी नहीं कर सकते। बड़ी हैरानी वाली बात है।
शास्त्री ने कहा कि तीसरे अंपायर को पूरे दिन में सिर्फ यही काम करना होता है। आप इसमें गलती नहीं कर सकते।