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अमेरिका के साथ संबंध भारत की प्राथमिकता: कृष्णा

भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने विकासात्मक प्रयासों में अमेरिका को एक महत्वपूर्ण भागीदार बताते हुए कहा कि भारत के लिए 21वीं सदी में अमेरिका के साथ सम्बंध महत्वपूर्ण प्राथमिकता...

अमेरिका के साथ संबंध भारत की प्राथमिकता: कृष्णा
Sat, 29 Sep 2012 12:47 PM
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भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने विकासात्मक प्रयासों में अमेरिका को एक महत्वपूर्ण भागीदार बताते हुए कहा कि भारत के लिए 21वीं सदी में अमेरिका के साथ सम्बंध महत्वपूर्ण प्राथमिकता रहेंगे।

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि हम आने वाले दशकों में भारतीय विदेश नीति की प्राथमिकताओं पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि हमारे हित अमेरिका से न केवल मिलते-जुलते हैं बल्कि हमारा अपने साझा लक्ष्यों को हासिल करने में दोनों लोकतंत्रों के बीच मजबूत भागीदारी के महत्व में भी भरोसा है।

कृष्णा ने कहा कि हमारी यह मान्यता है कि भारत-अमेरिका सम्बंधों को बदलने और वैश्विक सामरिक भागीदारी का एक टिकाऊ और व्यापक आधार ढांचा तैयार करने में दोनों देशों ने असाधारण राजनीतिक योगदान दिया है।

वह रोड आईजलैंड के एक अमेरिकी निजी आईवी लीग शोध विश्वविद्यालय, ब्राउन विश्वविद्यालय में 'ब्राउन-इंडिया इनिशियेटिव' की शुरुआत के अवसर पर 'इंडियाज फॉरेन पॉलिसी प्रायोरटीज फॉर द 21 सेंचुरी' विषय पर बोल रहे थे।

समकालीन भारत के इस अध्ययन केंद्र की इस पहल का उद्देश्य पहले दर्जे के शैक्षिक शोध प्रस्तुत करना व वार्ता, कार्यक्रमों व विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को इकट्ठा कर सार्वजनिक बहस में योगदान देना है।

कृष्णा ने कहा कि भारत-अमेरिका भागीदारी की सफलता न केवल दोनों देशों की समृद्धि में महत्वपूर्ण होगी बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी व वैश्विक और क्षेत्रीय शांति के एक कारक के रूप में विविधता से भरी दुनिया में एक आदर्श होगी।

उन्होंने कहा कि भारत के लिए 21वीं सदी में यह रिश्ता महत्वपूर्ण प्राथमिकता रहेगा। कृष्णा ने कहा कि भारत की एक और महत्वपूर्ण प्राथमिकता समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिम्बित करने व नई चुनौतियों से निपटने की उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए सुरक्षा परिषद, विश्व बैंक व आईएमएफ सहित संयुक्त राष्ट्र जैसी विविधतापूर्ण संस्थाओं में सुधार होगा।

कृष्णा ने कहा कि इस सबसे ऊपर भारतीय विदेश नीति की पहली प्राथमिकता सामूहिक समृद्धि की खोज और सभी भारतीय लोगों के व्यक्तिगत कल्याण के लिए एक अनुकूल बाहरी वातावरण बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह से हमारी विदेश नीति हमारे विकास का उपकरण होगी। साथ ही यह हमारी वैश्विक जिम्मेदारियों को पूरा करने का जरिया भी होगी।

कृष्णा ने कहा कि भारतीय विदेश नीति की एक और महत्वपूर्ण प्राथमिकता दक्षिण एशिया में शांति व समृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि तीन दशक से भी लम्बे समय से इस उप-महाद्वीप के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में भारी उथल-पुथल रही है और संघर्ष से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित हुई है।

उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक आधुनिकीकरण व क्षेत्रीय एकीकरण चाहते हैं। कृष्णा ने कहा कि इससे भारत को मध्य एशिया से और नजदीक से जुड़ने में सहयोग मिलेगा और वह आपस में जुड़े हुए दक्षिण व मध्य एशिया क्षेत्रों में स्थिरता व समृद्धि में योगदान दे सकेगा।

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