जयललिता का आरोप गलत: केन्द्र सरकार
केन्द्र ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के इस आरोप को गलत बताया कि आज यहां शुरू हुई राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में गैर कांग्रेस शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा...
केन्द्र ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के इस आरोप को गलत बताया कि आज यहां शुरू हुई राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में गैर कांग्रेस शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उसने कहा कि किसी नेता को इस आयोजन का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के तुरंत बाद जयललिता को पहले भाषण देने का अवसर देकर सकारात्मक भावना का परिचय दिया, जबकि क्रम के अनुसार उनकी बारी काफी बाद में आनी थी। हर मुख्यमंत्री को दस मिनट का समय दिया गया था।
मुख्यमंत्रियों के भाषणों की समय सीमा तय किए जाने को सही बताते हुए उन्होंने कहा कि वक्ताओं की संख्या बहुत अधिक होने के कारण ऐसा करना पड़ा। बैठक में 35 मुख्यमंत्रियों, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, वित्त मंत्री और कृषि मंत्री के भाषण होने हैं।
शुक्ल ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए भी यह समय सीमा तय की गई। इसमें किसी राज्य के मुख्यमंत्री के साथ भेदभाव नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के भाषण के दौरान भी 10 मिनट पूरा होने पर घंटी बजा कर उन्हें रोका गया। तो भेदभाव कहां हुआ नेताओं को इस अवसर का राजनीति लाभ नहीं उठाना चाहिए।
इससे पहले जयललिता ने परिषद की बैठक से यह कह कर आज वाकआउट कर दिया कि भाषणों की 10 मिनट की समय सीमा तय करके केन्द्र गैर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की आवाज दबा रहा है। उन्होंने कहा कि परिषद की बैठक में उन्हें टोक कर उनके भाषण को बीच में रोकना उनका बड़ा अपमान है।
उन्होंने कहा कि 10 मिनट की समय सीमा लागू करके केन्द्र ने मुख्यमंत्रियों को उनकी बात नहीं रखने देने का नया तरीका इजाद किया है।