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सावधान, घर के भीतर झांकने की तैयारी में है गूगल

अगर आप भी मानते हैं कि तकनीक ने इंसानी जिंदगी को आसान, सुरक्षित और बेहतर बनाया है, तो आपको एक बार दोबारा इस पर सोचने की जरूरत...

सावधान, घर के भीतर झांकने की तैयारी में है गूगल
Tue, 12 Jun 2012 10:08 AM
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अगर आप भी मानते हैं कि तकनीक ने इंसानी जिंदगी को आसान, सुरक्षित और बेहतर बनाया है, तो आपको एक बार दोबारा इस पर सोचने की जरूरत है।

तकनीक की माहिर टॉप अमेरिकी कंपनियां अब ऐसे मिलिट्री ग्रेड के पावरफुल कैमरों का इस्तेमाल कर रही हैं जिनसे वे घरों के भीतर तक ताक-झांक कर सकती हैं। घर में क्या चल रहा है, इसकी मैपिंग कर सकती हैं। यह सब इतने करीब से देखा जा सकेगा कि घर के फर्श पर पड़ी चार इंच चौड़ी चीज भी कैमरा पकड़ लेगा।

डेलीमेल अखबार की रिपोर्ट मानें तो गूगल और एप्‍पल ऐसे ही नए हाइटेक मैपिंग प्लेन का इस्तेमाल करने जा रहे हैं जो तारों की रोशनी में भी घरों की खिड़कियों से अंदर तक झांक सकेंगे। ऐसे में प्राइवेसी पर खतरा मंडरा सकता है।

यह तकनीक उसी तरह की है, जैसी कि इंटेलिजेंस एजेंसियां अफगानिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को पहचानने में इस्तेमाल कर रही हैं। गूगल ने माना भी है कि उसने शहरों के ऊपर से ऐसे प्लेन गुजारे हैं जबकि एप्‍पल का कहना है कि उसने ऐसी फर्म खरीदी है जो आसमान से जासूसी करने की तकनीक रखती है। यही नहीं करीब 20 जगहों पर इसे परखा भी जा चुका है। इन जगहों में लंदन भी शामिल है।

सर्च इंजन के बेताज बादशाह गूगल स्पाई प्लेनों का इस्तेमाल करके 3डी मैप बनाएगा। इनमें सैटलाइट से ली गई गूगल अर्थ वाली इमेज से ज्यादा डिटेल होंगी।

गूगल को उम्मीद है कि इस साल आखिर तक शहरों और कस्बों की 3डी कवरेज हो जाएगी। इनकी कुल आबादी मिलकर करीब 30 करोड़ होगी। हालांकि ये शहर कौन से होंगे, इस बारे में गूगल ने कोई जानकारी नहीं दी है।

वहीं एप्‍पल आईफोन और बाकी डिवाइस के लिए अपने नए मैपिंग ऐप्लिकेशंस का खुलासा जल्द करने वाला है। इनमें प्राइवेसी सेफगार्ड भी साथ होगा। इसके 3डी मैप पहली बार ऊंची इमारतों की साइड की दीवारें भी दिखा सकेंगे। मसलन, बिग बेन क्लॉक टावर।

मौजूदा 3डी मैपिंग तकनीक ऊपर से ली गई तस्वीरों पर आधारित है। इसका रेज्योलुशन एप्‍पल की भावी तकनीक के रेज्योलुशन के मुकाबले काफी कम होता है। इसका मतलब हुआ कि जब यूजर्स इमेज और पास से देखने के लिए जूम इन करते हैं तो डिटेल गायब धुंधली पड़ जाती हैं क्योंकि इमेज की क्वॉलिटी इतनी अच्छी नहीं होती।

जहां तक जासूसी प्लेन की बात है तो ये हर घंटे में 40 स्क्वेयर मील की फोटोग्रफी कर सकते हैं। यानी वे इतनी तेजी से उड़ सकते हैं और इतने करीब तक जा सकते हैं कि किसी घर में लगे वाई-फाई सिस्टम तक को खंगाल सकते हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह तकनीक एक खतरनाक डिवेलपमेंट है। बिग ब्रदर वॉच के डायरेक्टर निक पिकल्स चेतावनी देते हुए कहते हैं कि गहराई में पहुंचने के लिए मची इस व्यावसायिक दौड़ से प्राइवेसी का खात्मा होने जा रहा है।

नेक्स्ट जेनरेशन के मैप हमें घर की चारदीवारी के अंदर दाखिल होने देंगे। सोचिए आप अपने घर के बगीचे या छत पर सन बाथ भी नहीं ले सकेंगे। यही डर रहेगा कि कहीं गूगल या एप्‍पल का प्लेन आपकी ऊपर से तस्वीरें तो नहीं ले रहा।

एप्‍पल इससे पहले अपनी मैपिंग सर्विसेज के लिए गूगल का इस्तेमाल करता था पर पिछले साल पता चला कि इसने सी3 टेक्नॉलजीज को खरीद लिया है। यह 3डी मैपिंग करने वाली कंपनी है जो एयरोस्पेस ऐंड डिफेंस कंपनी साब एबी की बनाई तकनीक का इस्तेमाल करती है।

अब तक सी3 दुनिया के 20 शहरों की मैपिंग कर चुकी है और एप्‍पल का सपोर्ट मिलने के बाद माना जा रहा है कि शहरों की संख्या और बढ़ चुकी है। इसकी तस्वीरें 1600 फीट की ऊंचाई से ली गई हैं। सी3 का कहना था कि यह कुछ उसी तरह है जैसे कि गूगल स्टेरॉइड पर जाकर तस्वीरें ले रहा हो।

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