फोटो गैलरी

Hindi Newsदेश में दोतीन बड़े बैंकों की जरूरत चिदंबरम

देश में दो-तीन बड़े बैंकों की जरूरत: चिदंबरम

वित्त मंत्री पी़ चिदंबरम ने देश में दो-तीन बड़े विश्वस्तरीय बैंकों की आवश्यकता बताते हुए शनिवार को कहा कि इसके लिये बैंकिंग क्षेत्र में थोड़ा बहुत विलय और एकीकरण जरूरी...

देश में दो-तीन बड़े बैंकों की जरूरत: चिदंबरम
Sat, 24 Nov 2012 04:09 PM
ऐप पर पढ़ें

वित्त मंत्री पी़ चिदंबरम ने देश में दो-तीन बड़े विश्वस्तरीय बैंकों की आवश्यकता बताते हुए शनिवार को कहा कि इसके लिये बैंकिंग क्षेत्र में थोड़ा बहुत विलय और एकीकरण जरूरी है।

उन्होंने यहां बैंकिंग क्षेत्र पर आयोजित सम्मेलन बैनकॉन-2012 में कहा नये व्यावसायिक माहौल में कामकाज करने के लिये कुछ एकीकरण जरूरी है। हमें इस तरह के सुद़ढ़ीकरण अथवा एकीकरण से डरना नहीं चाहिए। मुझे पता है कि यहां गौरव और पहचान का सवाल है, लेकिन आखिरकार इस देश की बैंकिंग प्रणाली में थोड़ बहुत विलय और एकीकरण तो होना है।

उन्होंने कहा कि हमें कम से कम दो-तीन वैश्विक आकार के बैंक बनाने होंगे। चीन ने ऐसा किया है, और यदि भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना चाहता और यह होगी भी तो तो हमारे पास कम से कम दो वैश्विक आकार के बैंक होने चाहिए और बैंकों में थोड़े बहुत समेकन, एकीकरण को टाला नहीं जा सकता।

चिदंबरम ने कहा कि जब बड़े बैंकों के बीच विलय, एकीकरण होता है, तब वहां स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिये भी अवसर बनता है। उन्होंने कहा दरअसल मुझे अफसोस है कि 1996 में शुरू हुई स्थानीय क्षेत्र बैंक की पहल पहले तीन लाइसेंस देने के बाद बंद हो गई। मुझे लगता है कि स्थानीय क्षेत्र बैंकों के पास स्थानीय लोगों की सेवा का मौका है और उन्हीं से उन्हें मजबूती भी मिलेगी।

देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक ने अपने पांच सहयोगी बैंकों के साथ विलय के लिए मंजूरी हासिल की है। इसने अपनी दो सहयोगी बैंकों को पहले ही अपने साथ मिला लिया है। एसबीआई ने अपने सहयोगी स्टेट बैंक आफ सौराष्ट्र का 2008 में विलय कर लिया था। इसके अलावा 2010 में स्टेट बैंक आफ इंदौर का भी विलय हो गया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें