'नकदी अंतरण योजना के लिए तैयार रहें बैंक'
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना (डीबीटी) के दूसरे चरण के लिये तैयार रहने को कहा...
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना (डीबीटी) के दूसरे चरण के लिये तैयार रहने को कहा है।
मंत्रालय ने बैंकों से स्वचालित प्रणाली तैयार करने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभार्थियों की सूची में कोई बदलाव नहीं हो। दूसरे चरण की डीबीटी योजना शुरू करने की तैयारी के बीच बैंकों से यह बात कही गयी है।
वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुखों को जारी परिपत्र में कहा है, सभी बैंकों के लिये मजबूत स्वचालित प्रणाली की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबद्ध विभाग द्वारा लाभार्थियों की मूल सूची में बदलाव की कोई संभावना नहीं हो।
इसमें आगे कहा गया है कि बैंकों को यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि नेशनल पेमेंटस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ सर्वर टू सर्वर कनेक्टिविटी परिचालन में आ जाए।
सभी प्रकार की खुदरा भुगतान प्रणाली की प्रमुख इकाई एनपीसीआई पांच बैंकों के साथ मिलकर पायलट आधार पर सुरक्षित सर्वर टू सर्वर कनेक्टिविटी स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। इसे इस महीने पूरा होना है।
विभाग ने आगे कहा है कि बैंकों को एनपीसीआई के साथ कनेक्टिविटी भी परिचालन में लाने की जरूरत है। इसके अनुसार, पायलट आधार पर एनपीसीआई द्वारा किये गये काम के आधार पर सभी बैंकों को इसे मई 2013 तक परिचालन में लाना होगा।
महत्वकांक्षी डीबीटी योजना के दूसरे चरण को 19 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा जिलों में एक जुलाई से परिचालन में लाने का कार्यक्रम है। पहले चरण में एक जनवरी से 43 जिलों में डीबीटी योजना शुरू की गयी। इसमें 26 सरकारी योजनाओं को शामिल किया गया है।