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हॉकी में कोई फिक्सिंग नहीं : नेग्रे

फुटबॉल में फिक्सिंग होने के महाघोटाले ने खेल जगत को हिला कर रख दिया है लेकिन अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ...

हॉकी में कोई फिक्सिंग नहीं : नेग्रे
Fri, 08 Feb 2013 02:11 PM
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दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल में फिक्सिंग होने के महाघोटाले ने खेल जगत को हिला कर रख दिया है लेकिन अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष लियांड्रो नेग्रे का मानना है कि हॉकी में इस तरह की कोई फिक्सिंग नहीं हैं।
 
नेग्रे ने गुरुवार रात यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में संवाददाताओं से कहा कि हॉकी पूरी तरह एक साफ सुथरा खेल है और इसमें किसी भी तरह की कोई फिक्सिंग नहीं है। हम गर्व से कह सकते है कि हमारा खेल पूरी तरह साफ सुथरा है।
 
उल्लेखनीय है कि क्रिकेट में मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग के दाग लग चुके हैं जबकि फुटबॉल में ताजा मामला सामने आया है कि यूरोप और अन्य महाद्वीपों में करीब 680 मैच 2008 से 2011 तक फिक्स किए गए थे।
 
नेग्रे ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को निलंबित करने के फैसले का भारत में हॉकी प्रशासन पर कोई असर नहीं है। उन्होंने हालांकि साथ ही कहा कि यदि एफआईएच को आईओसी द्वारा निर्देशित किया जाता तो वह भी कुछ कदम उठाने के लिए मजबूत हो सकते थे।

नेग्रे ने कहा कि आईओए के निलंबन ने अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों के सामने कुछ दिक्कतें जरूर खड़ी कर दी हैं। आईओसी अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों को राष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ किसी तरह की कार्रवाई करने से नहीं रोक सकती है।

उन्होंने कहा कि इस समय हमें हॉकी इंडिया के साथ कोई परेशानी नहीं है। यदि आईओसी ने हमें कोई निर्देश दिया होता तो हम भी अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों की तरह भारत में हॉकी प्रशासन को लेकर कुछ कार्रवाई करने पर मजबूर हो जाते।
 
नेग्रे ने एक बार फिर दोहराया कि एफआईएच भारत में हॉकी चलाने के लिए सिर्फ हॉकी इंडिया को ही मान्यता देती है। उन्होंने कहा कि हमारा यह सिद्धांत स्पष्ट है कि किसी देश में किसी खेल को चलाने के लिए एक ही संस्था होनी चाहिए और भारत में यह संस्था हॉकी इंडिया है।
 
यह पूछने पर कि क्या एफआईएच, हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी महासंघ के बीच समझौता कराने के लिए अब भी तैयार है। नेग्रे ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैंने पिछले चार वर्षों में 16 बार भारत का दौरा किया है। मेरे पास अब भी आईएचएफ से फोन आते हैं कि वे बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अदालत के सभी मुकदमे वापस लेने होंगे और तभी जाकर वे बातचीत की टेबल पर आ पाएंगे। भारत में एचआईएल हॉकी का भविष्य है, आईएचएफ नहीं।

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