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फेसबुक और टेलीविजन नींद में डाल रहे हैं खलल

फेसबुक, ऑनलाइन चैटिंग, कम्प्यूटर गेम और टेलीविजन स्कूली बच्चों को नींद से वंचित कर रहे...

फेसबुक और टेलीविजन नींद में डाल रहे हैं खलल
Wed, 13 Mar 2013 04:48 PM
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फेसबुक, ऑनलाइन चैटिंग, कम्प्यूटर गेम और टेलीविजन स्कूली बच्चों को नींद से वंचित कर रहे हैं।

विश्व नींद दिवस के सिलसिले में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि फेसबुक और चैटिंग जैसे संवाद के नए माध्यमों के बढ़ते इस्तेमाल तथा बदलती जीवन शैली के कारण बडे़ शहरों में करीब तीस प्रतिशत स्कूली बच्चे समुचित नींद नहीं ले पा रहे हैं, जिसके कारण वे एंग्जाइटी, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, याददाश्त की कमी, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, देर से प्रतिक्रिया देने, सीखने की क्षमता में कमी, तेजी से सोचने की क्षमता में कमी और गलतियों या दुर्घटनाओं से बचने की क्षमता में कमी, कई तरह के कार्यों को करने की क्षमता में कमी, ऊर्जा में कमी और थकावट महसूस होने जैसी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं।

मनोचिकित्सक एवं नई दिल्ली स्थित कास्मोस इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेस सीआईएमबीएस के निदेशक डॉ सुनील मित्तल ने बताया कि इंटरनेट के इस्तेमाल और टेलीविजन देखने की बढ़ती प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए माता-पिता को अपने बच्चों की नींद पर ध्यान देना चाहिए। इंटरनेट एवं टेलीविजन जैसे संचार साधनों के इस दौर में लोगों और खास तौर पर बच्चों की दिनचर्या में बड़ा बदलाव आया है और इससे सोने के तौर तरीकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिसके कारण लोगों में नींद पूरी नहीं होने और अनिद्रा की समस्याएं आम होती जा रही है।

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