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यूपी एसईई-2012 परीक्षा: रिवीजन से मिलेगी सफलता

बीटेक, बीफार्मा, एमबीए व एमसीए जैसे कोर्स करने की तमन्ना रखने वाले छात्रों को अपने सपनों में रंग भरने के लिए कई रूपों में अवसर मिलते...

यूपी एसईई-2012 परीक्षा: रिवीजन से मिलेगी सफलता
Tue, 20 Mar 2012 12:58 PM
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परीक्षा की तिथि- 21, 22 व 28 अप्रैल, 2012
रिजल्ट की घोषणा- 30 मई, 2012

प्रमुख पाठय़क्रम

बीटेक/बीटेक (एग्री.): चार वर्षीय
बीफार्मा: चार वर्षीय
बीआर्क: पांच वर्षीय
बीएफएडी: चार वर्षीय
बीएचएमसीटी: चार वर्षीय
एमबीए: दो वर्षीय
एमसीए: तीन वर्ष

बीटेक, बीफार्मा, एमबीए व एमसीए जैसे कोर्स करने की तमन्ना रखने वाले छात्रों को अपने सपनों में रंग भरने के लिए कई रूपों में अवसर मिलते हैं। इनसे संबंधित कुछ प्रवेश परीक्षाएं तो अखिल भारतीय स्तर पर होती हैं, जबकि कुछ राज्य स्तर पर। इसी तरह से गौतमबुद्ध प्राविधिक (तकनीकी) विवि, लखनऊ और महामाया प्राविधिक विवि, नोएडा से संबंधित व अन्य कॉलेजों के लिए आयोजित होने वाली यूपी एसईई परीक्षा बीटेक, बीटेक (एग्री.), बीफार्मा, बीआर्क, बीएचएमसीटी, बीएफएडी, एमबीए व एमसीए के लिए होती है। इन विभिन्न कोर्सो के लिए छात्रों को अलग-अलग प्रवेश परीक्षा में बैठना पड़ता है। यह प्रवेश परीक्षा प्रश्न पत्रों के हिसाब से 21, 22 व 28 अप्रैल को आयोजित की जाएगी।

सिलेबस का स्मार्ट रिवीजन
बारहवीं साइंस स्ट्रीम के ज्यादातर छात्रों की परीक्षाएं चल रही हैं। इसके बाद यूपी-एसईई की परीक्षा होनी है। छात्रों के लिए यह फायदेमंद है कि एक ही तैयारी के आधार पर वे यूपी-एसईई सहित आने वाली कई परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। बस उन्हें सिलेबस के हिसाब से स्मार्ट रिवीजन की जरूरत है। वैसे भी बोर्ड परीक्षा समाप्त होने से लेकर यूपी-एसईई के आयोजन तक छात्रों को इतना समय मिलता है कि वे अपनी रिवीजन को सही तरीके से कर सकते हैं। इस दौरान जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर कर लें।

तैयारी का शेडय़ूल तैयार करें
इस परीक्षा का पैटर्न और समय देखा जाए तो हर प्रश्न पत्र में छात्रों को सीमित समय ही मिला है, अत: उन्हें कोशिश करनी होगी कि अपने एक-एक पल का सदुपयोग करें। रिवीजन से लेकर परीक्षा तक अपने पूरे सिलेबस का शेडय़ूल तैयार कर लें और फिर उसी हिसाब से अपनी तैयारी को आगे बढ़ाएं। बीटेक, बीफार्मा, बीआर्क व बीएफएडी का सिलेबस तो तैयार है ही, छात्र को बस फिनिशिंग टच देना है। जबकि एमबीए व एमसीए की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को अपनी तैयारी का सटीक शेडय़ूल तय करना होगा। जिन विषयों को लेकर वे पहले से ही कमजोरी महसूस कर रहे हैं, उन्हें नजरअंदाज न करते हुए विशेषज्ञों की मदद लें।

कोई प्रश्न छूटने न पाए
इस परीक्षा में कोई निगेटिव मार्किंग नहीं होती, लेकिन गलत उत्तरों का अलग से रिकॉर्ड रखा जाएगा, इसलिए कोशिश करें कि कोई प्रश्न छूटने न पाए। प्रत्येक सही उत्तर पर चार अंक दिए जाएंगे। जिन छात्रों के गलत उत्तरों की संख्या कम होगी, वे वरीयता क्रम में ऊपर रखे जाएंगे। इस एंट्रेंस टेस्ट में 25 प्रतिशत अंक (आरक्षित श्रेणी वालों के लिए 20 प्रतिशत) पाने वाले छात्र सफल माने जाएंगे।

ऑब्जेक्टिव प्रश्नों पर दारोमदार
ड्राइंग एप्टीटय़ूड को छोड़ कर सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव रूप में पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्नपत्र में इनकी संख्या अलग-अलग होगी। इन प्रश्न पत्रों का स्तर बारहवीं ही होगा। बीटेक/बीटेक (एग्री.), बीफार्मा व बीआर्क में फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी (पेपर के अनुसार) तथा बीएचएमसीटी/ बीएफएडी के अंतर्गत रीजनिंग एवं लॉजिकल डिडक्शन, न्यूमेरिकल एबिलिटी एवं साइंटिफिक एप्टीटय़ूड, जनरल नॉलेज, इंग्लिश लैंग्वेज के प्रश्न पूछे जाएंगे।

इसी तरह से एमबीए के लिए होने वाले एप्टीटय़ूड टेस्ट में चार सेक्शनों (इंग्लिश लैंग्वेज, न्यूमेरिकल एप्टीटय़ूड, थिंकिंग एंड डिसिजन मेकिंग व जनरल अवेयरनेस) से प्रश्न आते हैं। एमसीए के लिए छात्रों को मैथ्स, स्टेटिस्टिक्स तथा लॉजिकल एबिलिटी के प्रश्न हल करने होते हैं।

आधार मजबूत होगा तो काम आसान होगा
चाहे बैचलर कोर्स हो या मास्टर, दोनों के लिए बेसिक क्लीयर होने चाहिए, तभी उनका उत्तर आसानी से दिया जा सकता है। न्यूमेरिकल में जहां अर्थमेटिक, अल्जेब्रा, मेंसुरेशन आदि की आधारभूत जानकारी आवश्यक है, वहीं इंग्लिश में ग्रामर व पैसेज पर फोकस करने की जरूरत है। जनरल अवेयरनेस में ज्योग्राफी, साइंस, कांस्टिटय़ूशन, हिस्ट्री, मैनेजमेंट, पॉलीटिकल साइंस तथा देश-दुनिया आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। छात्रों का एनालिटिकल माइंड बिल्कुल शॉर्प हो तथा वे खुले दिमाग से प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करें।

तनाव न पालें
छात्र यह मान कर चलें कि पूरे सिलेबस में से प्रश्न कहीं से भी पूछे जा सकते हैं। समय का अभाव होने के कारण उत्तर लिखते समय स्पीड पर भी विशेष ध्यान देना होगा। सभी विषयों पर बराबर समय खर्च करें। फिजिक्स में न्यूमेरिकल्स पर अधिक फोकस करें। इससे कैमिस्ट्री के न्यूमेरिकल भी आसान लगने लगेंगे। इसी प्रकार फिजिकल कैमिस्ट्री में छात्रों को फॉर्मूलों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। यह परीक्षा कोई हौवा नहीं है। छात्र इसे भी अन्य परीक्षा की भांति सामान्य ही समझों, अन्यथा उनके ऊपर बिना वजह दबाव हावी होगा और वे प्रश्नों का उत्तर जानते हुए भी नहीं लिख पाएंगे।

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