फोटो गैलरी

Hindi Newsटेलीविजन में बदलाव लगातार जारी निहलानी

टेलीविजन में बदलाव लगातार जारी: निहलानी

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक गोविंद निहलानी का मानना है कि फिल्म और टेलीविजन उद्योग में बदलाव लगातार जारी रहेंगे, क्योंकि फिल्म और टीवी समाज का आईना...

टेलीविजन में बदलाव लगातार जारी: निहलानी
Mon, 12 Aug 2013 03:52 PM
ऐप पर पढ़ें

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक गोविंद निहलानी का मानना है कि फिल्म और टेलीविजन उद्योग में बदलाव लगातार जारी रहेंगे, क्योंकि फिल्म और टीवी समाज का आईना हैं और समाज दिन प्रतिदिन बदलता है।

एक साक्षात्कार में निहलानी ने बताया कि टेलीविजन में लगातार बदलाव होंगे। टीवी और सिनेमा अपने समाज के हर दौर का प्रत्युत्तर हैं। यह कोई निश्चित और सपाट चीज नहीं है। निहलानी ने अब तक टीवी धारावाहिक निर्माण में कदम नहीं रखा है, इसके बावजूद उन्होंने विभाजन के दौरान सिख-हिंदू के पाकिस्तान से भारत पलायन पर बनी विवादित लघु-श्रृंखला 'तमस' को छोटे पर्दे पर उतारा था।

दूरदर्शन पर प्रसारित हो चुकी इस लघु श्रृंखला का हिस्ट्री टीवी 18 पर पुन: प्रसारण किया जाएगा। निहलानी का मानना है कि वर्तमान समय में इस तरह की श्रृंखलाओं का निर्माण भले ही न होता हो, फिर भी 'तमस' आज के समय में भी प्रासंगिक है।

उन्होंने कहा कि फर्क सिर्फ इतना है कि 'तमस' डेली सोप नहीं है। यह राष्ट्रीय समस्या पर बनाया गया है। इसके चरित्रों की विशेषता और विभाजन के दौर की यादें इसे दूसरे धारावाहिकों से अलग करती हैं। मुझे लगता है कि यह आज के समय में भी कहीं न कहीं प्रासंगिक है। इस तरह के कार्यक्रम तो आजकल बनते ही नहीं हैं।

निहलानी मानते हैं कि इस समय 'तमस' जैसे कार्यक्रमों का अकाल पड़ गया है, क्योंकि वर्तमान पीढ़ी इतिहास के प्रति उदासीन है। उन्होंने कहा कि भूमंडलीकरण के इस दौर में लोग इतिहास के प्रति उदासीन हो चुके हैं। हर दिन नई विचारधाराएं जन्म ले रही हैं। आज आर्थिक लाभ कमाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है, बाकी बातें बाद में आती हैं।

निहलानी ने 'आक्रोश', 'विजेता', 'अर्ध सत्य', 'पार्टी', 'दृष्टि', 'रुकमावती की हवेली', 'द्रोहकाल' जैसी फिल्में बनाई हैं। उन्हें 'हजार चौरासी की मां', 'देव' और 'तक्षक' जैसी फिल्मों के निर्देशक के रूप में भी पहचाना जाता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें