एससी/एसटी बच्चों के लिए सरकार खोलेगी आवासीय स्कूल
दिल्ली सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों से ताल्लुक रखने वाले बच्चों के लिए आवासीय स्कूल...
दिल्ली सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों से ताल्लुक रखने वाले बच्चों के लिए आवासीय स्कूल खोलेगी। उड़ीसा में जनजातीय बच्चों के लिए दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान चला रहे गैर सरकारी संगठन ‘कलिंग’ के सहयोग से नजफगढ़ में यह स्कूल खोला जाएगा।
सोमवार को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। इसके मुताबिक कक्षा एक से दस तक की शिक्षा सुविधा मुहैया कराने वाले इस स्कूल को नजफगढ़ के ईसापुर में खोला जाएगा। इसमें एक हजार बच्चों को आवासीय शिक्षा सुविधा मिलेगी। इसकी 50 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए और 25- 25 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यक तथा पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित होंगी।
उड़ीसा के भुवनेश्वर में 10 हजार जनजातीय बच्चों को केजी से पीजी स्तर तक की शिक्षा सुविधा मुहैया करा रहे कलिंग सामाजिक विज्ञान संस्थान इस स्कूल के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाएगा। जबकि दिल्ली सरकार इसके लिए आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दो साल पुराने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने से पहले सरकार के अधिकारियों ने उड़ीसा में इस संस्थान का दौरा कर दिल्ली में भी इ स तरह का स्कूल खोलने की जरूरत पर बल दिया। ईसापुर में मौजूद एक स्कूल भवन को जरूरतों के मुताबिक आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा जिससे इसे यथाशीघ्र शुरू किया जा सके।
स्कूल को अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड और कलिंग संस्थान के बीच हुए समझौते की शर्तों के तहत संचालित किया जाएगा। स्कूल के शुरू होने से पांच साल तक सरकार वित्तीय मदद देगी। इस बीच स्कूल आत्मनिर्भरता हासिल कर सरकार पर वित्तीय निर्भरता से स्वयं को मुक्त कर लेगा।
शिक्षा का तोहफा
50 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए और 25-25 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यक तथा पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित होंगी
गैर सरकारी संगठन ‘कलिंग’ के सहयोग से नजफगढ़ में खोला जाएगा स्कूल