फोटो गैलरी

Hindi News'सचिन को संन्यास के लिए कहने से डरते हैं चयनकर्ता'

'सचिन को संन्यास के लिए कहने से डरते हैं चयनकर्ता'

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोन्स ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर थके हुए लग रहे हैं लेकिन किसी भी भारतीय चयनकर्ता में उन्हें 50 ओवर के प्रारूप से संन्यास लेने के लिए कहने का साहस नहीं...

'सचिन को संन्यास के लिए कहने से डरते हैं चयनकर्ता'
Sat, 25 Feb 2012 01:28 PM
ऐप पर पढ़ें

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोन्स ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर एकदिवसीय क्रिकेट में थके हुए लग रहे हैं लेकिन किसी भी भारतीय चयनकर्ता में उन्हें 50 ओवर के प्रारूप से संन्यास लेने के लिए कहने का साहस नहीं है।

जोन्स ने कहा कि वक्त किसी का इंतजार नहीं करता चाहे वह रिकी पोंटिंग हों या सचिन तेंदुलकर। दोनों ही खेल के 50 ओवर के प्रारूप में थके हुए दिख रहे थे और ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने इस सप्ताह पोंटिंग को एकदिवसीय टीम से बाहर करके साफ कर दिया कि अब बहुत हो चुका है।

उन्होंने सिडनी मार्निंग हेरल्ड से कहा कि जहां तक भारत का सवाल है तो तेंदुलकर कितना भी बुरा क्यों न खेलें, किसी भी चयनकर्ता में उनको यह कहने का साहस नहीं है कि उनका एकदिवसीय करियर खत्म हो गया है। लोगों को इसकी चिंता रहती है कि यदि उन्होंने तेंदुलकर को उनकी इच्छा के खिलाफ बाहर कर दिया तो उनके घरों को नुकसान पहुंचाया जाएगा। वह जब तक चाहेगा तब खेलना जारी रखेगा और इससे भारतीय टीम नुकसान होगा।

तेंदुलकर को एकदिवसीय क्रिकेट का सर्वकालिक महान खिलाड़ी करार देते हुए जोन्स ने कहा कि इस स्टार बल्लेबाज को इसलिए भी संन्यास लेने के लिए नहीं कहा जा रहा है क्योंकि डर है कि इससे प्रायोजक खेल से हट सकते हैं।

जोन्स ने कहा कि पोंटिंग और तेंदुलकर खुद ही बहुत बड़े ब्रांड हैं। यदि आप उनका करियर जल्दी समाप्त कर दोगे तो फिर विशेषकर भारत में संभावित प्रायोजक क्रिकेट से हट जाएंगे। तेंदुलकर का एकदिवसीय क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड रहा है। असल में वह सर्वकालिक महान वनडे बल्लेबाज हैं। उन्होंने औसतन हर सातवें मैच में मैन ऑफ द मैच पुरस्कार हासिल किया जिससे 458 मैचों के वनडे करियर में उनके दबदबे का पता चलता है।

उन्होंने कहा कि तेंदुलकर भी भारतीय आलोचकों के निशाने पर हैं लेकिन किसमें उनका करियर समाप्त करने का साहस होगा। वह औसत फॉर्म में दिख रहे हैं और शीर्ष क्रम में खराब तरीके से आउट होकर वह लगातार टीम की परेशानियां बढ़ा रहे हैं।

जोन्स ने कहा कि दो साल पहले ही तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट में नाबाद 200 रन बनाए थे। समय कैसे गुजरता है। यह महान बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया की उछाल वाली पिचों पर दो नई सफेद गेंदों के सामने कमजोर दिख रहा है।

उन्होंने कहा कि क्रिकेट में आज इतना अधिक पैसा है कि प्रत्येक खिलाड़ी जितना संभव हो उतने अधिक समय तक इसमें बने रहना चाहता है। जोन्स ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो आज के खिलाड़ियो को लगता है कि क्रिकेट से मोटी कमाई हो रही है और उन्हें जितना संभव हो उतने लंबे समय तक खेलना चाहिए। यदि इनका वश चले तो वे 50 साल तक भी खेलना जारी रखना चाहेंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें