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स्पोर्ट्स इंस्ट्रुक्टर, सेहत से जुड़ते विकल्प

फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को आज स्पोर्ट्स इंस्ट्रुक्टर के नाम से भी जाना जाता है, जो इन दिनों स्कूलों में काफी अहम भूमिका निभा रहे...

स्पोर्ट्स इंस्ट्रुक्टर, सेहत से जुड़ते विकल्प
Tue, 03 Jul 2012 01:43 PM
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फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को आज स्पोर्ट्स इंस्ट्रुक्टर के नाम से भी जाना जाता है, जो इन दिनों स्कूलों में काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनकी जिम्मेदारी यह होती है कि उनकी देखभाल में हर बच्चा तंदुरुस्त रहे। स्पोर्ट्स इंस्ट्रुक्टर योग्यता, कार्यों और जिम्मेदारियों के मामले में स्पोर्ट्स टीचर्स से अलग होते हैं। ये स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने, छात्रों को टूर्नामेंट्स में भाग लेने और उनके पसंद के खेलों के दौरान उनके फिटनेस प्रोग्राम पर नजर बनाए रखने का काम करते हैं। वहीं दूसरी तरफ स्पोर्ट्स टीचर योग्यता प्राप्त टीचर हैं, जो किसी एक खास  या दो खेलों में दक्ष होते हैं। इन खेलों की जानकारी व दक्षता उन्हें उनके स्कूल समय से ही दी जाती है।  कोच इन दोनों से अलग होते हैं, जिन्हें किसी एक खास खेल में प्रशिक्षण देने के लिए नियुक्त किया जाता है।

दिनचर्या
किसी भी बोर्डिग स्कूल में एक स्पोर्ट्स इंस्ट्रुक्टर की दिनचर्या कुछ ऐसी होती है

सुबह 6 बजे: हॉस्टल के सभी छात्रों को हर रोज सुबह आधे घंटे के लिए शारीरिक व्यायाम करवाना (रविवार छोड़ कर)
सुबह 7.30 बजे: प्रार्थना के लिए सभी छात्रों को इकट्ठा करना। प्रार्थना के बाद शारीरिक प्रशिक्षण के टाइम टेबल की शुरुआत
सुबह 9 बजे से: स्कूल में खेले जा रहे खेलों और स्पोर्ट्स पीरियड को सुपरवाइज करना
दोपहर 2 बजे: स्कूल की छुट्टी
शाम 5 बजे: हॉस्टल के छात्रों के खेलों पर नजर रखना

वेतन
किसी भी फिजिकल एजुकेशन टीचर को बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन या ग्रेजुएशन के बाद स्पोर्ट्स में डिप्लोमा लेने के बाद टीजीटी ग्रेड मिलता है। कुछ बोर्डिंग स्कूलों में उनके बच्चों की पढ़ाई, रहने का प्रबंध आदि की सुविधा भी निशुल्क की जाती है।

योग्यता एवं कौशल

प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न खेलों में बदलते नियमों की जानकारी होना
खेलों और प्रशिक्षण के तौर-तरीकों का कौशल
उन्हें धीरे सीखने वाले छात्रों के प्रशिक्षण के दौरान धैर्य से काम लेना चाहिए और उन्हें लगातार प्रोत्साहित करते रहना चाहिए
उनका बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए  व सजा के रूप में फाइन से दूर रहना चाहिए

कैसे बनें
बेहतर होगा अगर12वीं तक जीव-विज्ञान विषय के साथ विज्ञान में पढ़ाई करें। इसके बाद किसी भी विषय में ग्रेजुएशन करें और फिर बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन या टीजीटी ग्रेड के लिए फिजिकल एजुकेशन में डिप्लोमा करें। पीजीटी ग्रेड के लिए मास्टर्स इन फिजिकल एजुकेशन में डिग्री लेना अनिवार्य है।

संस्थान
लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, तिरुवनंतपुरम
वेबसाइट:
www.lncpe.gov.in

लक्ष्मीबाई नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर
वेबसाइट:
www.lnipe.gov.in

पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
वेबसाइट
: www.puchd.ac.in

पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला
वेबसाइट
: www.punjabi university.ac.in

खास बातें
आप स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रधानाचार्य के सबसे करीबी व्यक्ति हैं
बच्चों को तंदुरुस्त और आत्मविश्वासी बनते हुए देखना बेहद संतोषजनक है
आप खुद तंदुरुस्त रहते हैं और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते हैं
यह जॉब काफी मेहनत मांगती है

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