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नौकरी देने से पहले पृष्ठभूमि जांच रही हैं कंपनियां

कॉरपोरेट घोटाले तथा कर्मचारियों द्वारा ही किसी प्रकार का सुरक्षा जोखिम पैदा करने की आशंकाओं के बढ़ने के बाद अब कंपनियां सतर्क हो गई...

नौकरी देने से पहले पृष्ठभूमि जांच रही हैं कंपनियां
Sun, 05 May 2013 06:13 PM
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कॉरपोरेट घोटाले तथा कर्मचारियों द्वारा ही किसी प्रकार का सुरक्षा जोखिम पैदा करने की आशंकाओं के बढ़ने के बाद अब कंपनियां सतर्क हो गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नौकरी के लिए आवेदन करने वाले लोगों की पृष्ठभूमि की अब अधिक गहराई से जांच की जा रही है।

इसके तहत यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं आवेदक आपराधिक पृष्ठभूमि का तो नहीं है। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए भी आवेदकों की छानबीन की जा रही है। सामान्य तौर पर अभी तक कंपनियां किसी आवेदक की पेशेवर योग्यता तथा शैक्षणिक योग्यता का पता लगाती रही हैं। लेकिन अब लगभग सभी क्षेत्रों की कंपनियां यह जांच कर रही हैं कि कहीं आवेदक किसी प्रकार की नियामकीय चूक में तो शामिल नहीं रहा है। या फिर वह कॉरपोरेट घोटाले या गैर कानूनी गतिविधियों में तो शामिल नहीं रहा है।

एक मानव संसाधन विशेषज्ञ ने कहा कि अब नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान आपराधिक रिकॉर्ड की जांच तो की ही जा रही है साथ ही नियामक प्राधिकरणों के डाटाबेस को भी खंगाला जा रहा है कि कहीं उम्मीदवार किसी नियामकीय उल्लंघन में तो शामिल नहीं रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर के अलावा वैश्विक स्तर पर भी इस तरह की जांच की जा रही है। उनका कहना है कि इस तरह के व्यवहार से कंपनी को अधिक योग्यता वाला कम जोखिम वाला कर्मचारी नियुक्त करने में मदद मिल रही है।

एचआर परामर्शक फर्म यूनिसन इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक उदित मित्तल ने कहा कि पहचान की चोरी, आतंकवाद और कॉरपोरेट धोखाधड़ी को लेकर जोखिम अधिक व्यापक हुआ है। ऐसे में अब कंपनियां किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति से पहले उसकी पूरी पृष्ठभूमि का पता लगा रही हैं।

कार्यकारी खोज कंपनी लाइटहाउस पार्टनर्स का कहना है कि इस तरह की छानबीन विशेष रूप से आईटी और आईटी आधारित उद्योग में अधिक देखी जा रही है।

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