किंगफिशर ने कर्मचारियों को दिया एक माह का वेतन
नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस ने अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान शुरू कर दिया...
नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस ने अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान शुरू कर दिया है। इसके अलावा एयरलाइंस ने लाइसेंस के नवीकरण के लिए विमानन क्षेत्र के नियामक से संपर्क किया है।
एक सप्ताह पहले ही किंगफिशर को ऋण देने वाले बैंकों ने कंपनी से वसूली का फैसला किया था। सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि हमने में से कुछ को वेतन का बकाया मिल गया है। कम वेतन वाले वर्ग के अलावा कुछ इंजीनियरों तथा पायलटों को भी एक माह का वेतन दिया गया है।
एयरलाइन पिछले साल मई से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही है। पिछले साल अक्टूबर में संकट शुरू होने से पहले ही एयरलाइन ने वेतन में विलंब करना शुरू कर दिया था।
सूत्रों ने बताया कि किंगफिशर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय अग्रवाल राजधानी में हैं। वह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से मिलेंगे और परिचालन शुरू करने का नया आग्रह करेंगे। हालांकि, आधिकारिक रूप से दोनों ही घटनाक्रम की पुष्टि नहीं हो पाई।
उल्लेखनीय है कि पिछले मंगलवार को एयरलाइन को कर्ज देने वाले 17 बैंकों के समूह ने ऋण वसूली का फैसला किया था। इन बैंकों का एयरलाइन पर 7,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। किंगफिशर के विमान पिछले साल अक्टूबर से खड़े हैं। बैंकों का कहना है कि प्रबंधन को संकटग्रस्त विमानन कंपनी को उबारने के लिए जरूरत से अधिक समय दिया गया है।
भारतीय स्टेट बैंक उन 17 बैंकों में प्रमुख है जिन्होंने एयरलाइन को कर्ज दिया है। किंगफिशर पर एसबीआई का 1,700 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। एसबीआई ने कहा है कि बैंक पहले उनके पास मौजूद समूह की अन्य कंपनियों की जमानत को भुनाएंगे।
इनमें मेंगलूर फर्टिलाइजर्स और समूह की मूल कंपनी यूनाइटेड स्प्रिटस आदि शामिल हैं। यूनाइटेड स्प्रिटस में 54 फीसदी हिस्सेदारी ब्रिटेन की डियाजियो को 11,170 करोड़ रुपए के सौदे में बेची गई है।
हालांकि, यूबी समूह ने इस बात का खंडन किया है कि उसने बैंकों के पास यूएसएल के शेयर तथा ब्रैंड किंगफिशर जमानत के रूप में रखे हैं। बैंकों को उम्मीद है कि वे इस वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले इन प्रतिभूतियों के जरिए कम से कम 1,000 करोड़ रुपए वसूल सकेंगे।
एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कल चेन्नई में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह 1,700 करोड़ रुपए में से अच्छा खासा हिस्सा एयरलाइन से वसूल पाएंगे।