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Hindi Newsअनाज व चीन भंडारण में जूट बोरों का प्रयोग अनिवार्य

अनाज और चीन भंडारण में जूट बोरों का प्रयोग अनिवार्य

पटसन किसानों को राहत देते हुए सरकार ने देश में उत्पादित खाद्यान एवं चीनी का 90 प्रतिशत हिस्सा अनिवार्य रूप से जूट की बोरियों में रखने के प्रस्ताव को मंजूरी...

अनाज और चीन भंडारण में जूट बोरों का प्रयोग अनिवार्य
Wed, 16 Nov 2011 06:32 PM
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पटसन किसानों को राहत देते हुए सरकार ने देश में उत्पादित खाद्यान एवं चीनी का 90 प्रतिशत हिस्सा अनिवार्य रूप से जूट की बोरियों में रखने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी। यह मंजूरी मौजूदा पटसन वर्ष के लिये है।

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। हालांकि कि सीसीआईए ने यह भी निर्णय किया है कि विटामिन से युक्त चीनी, निर्यात के लिये रखे जाने वाले जिंसों की पैकेजिंग, 25 किलो या उससे कम के छोटे पैक तथा 100 किलो से उपर के जिंस को रखे जाने के मामले में उक्त नियम लागू नहीं होगा।

बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के अनुसार, सीसीईए ने खाद्यान एवं चीनी के कुल उत्पादन का 90 प्रतिशत भाग जूट के बोरे में रखे जाने को मंजूरी दी है। यह मंजूरी जूट वर्ष 2011-12 (जुलाई-जून) के लिये है। निर्यात के लिये पैक की गयी चीनी को अगर किसी कारण बाहर नहीं भेजा जाता है, तो उस पर भी यह निर्णय लागू नहीं होगा।

बयान में यह भी कहा गया है कि जूट पैकेजिंग सामग्री की कमी होती है तो कपड़ा मंत्रालय संबंधित मंत्रालयों से विचार-विमर्श कर इन प्रावधानों में छूट दे सकता है। यह छूट अधिकतम खादयान एचं चीनी के 20 प्रतिशत उत्पादन तक दी जा सकती है।

बयान के अनुसार, इस निर्णय से जूट मिलों एवं अनुषंगी इकाइयों में काम करने वाले 3.7 लाख कर्मचारियों को राहत मिलेगी। साथ ही जूट (पटसन) की खेती करने वाले करीब 40 लाख कृषक परिवार को भी आजीविका का लाभ मिलेगा।

जूट पैकेजिंग सामग्री (जिंसों को पैक करने में अनिवार्य रूप से उपयोग) कानून, 1987 के तहत सरकार कुछ चुनिंदा जिंसों की आपूर्ति एवं वितरण में जूट पैकेजिंग सामग्री के उपयोग के बारे में समय समय पर विचार कर उपयुक्त दिशानिर्देश देती रहती है।

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