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बोर्ड परीक्षा: बच कर रहें एग्जाम फोबिया से

बोर्ड परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सिर्फ विषयों की तैयारी ही काफी नहीं है, बल्कि छात्रों को परीक्षा से जुड़े फोबिया से भी खुद को मुक्त रखना...

बोर्ड परीक्षा: बच कर रहें एग्जाम फोबिया से
Tue, 26 Feb 2013 04:03 PM
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बोर्ड परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सिर्फ विषयों की तैयारी ही काफी नहीं है, बल्कि छात्रों को परीक्षा से जुड़े फोबिया से भी खुद को मुक्त रखना होगा। इसके साथ ही अपनी सेहत और एकाग्रता को बनाए रखना भी जरूरी है। छात्रों को परीक्षा से जुड़ी इन्हीं जानकारियों से रूबरू करा रहे हैं संजीव कुमार सिंह

महज दो दिन बाद ही बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने को हैं। तैयारी के विभिन्न चरणों से गुजरती हुई बात आखिरकार अब जा पहुंची परीक्षा भवन तक। परीक्षा को लेकर छात्रों के अंदर यह भय रहता है कि पता नहीं प्रश्न पत्र किस तरह का आएगा? मैं सारे प्रश्न कर पाऊंगा या नहीं? यहां तक कि दूसरे छात्रों को आपस में तैयारियों के संदर्भ में बात करते देख कई छात्र नर्वस होने लगते हैं। उन्हें लगता है कि शायद मेरी तैयारी उस स्तर की नहीं है।
इसके अलावा न जाने और कितनी समस्याएं छात्रों की एकाग्रता को भंग करने का काम करती हैं। नतीजा यह होता है कि हडम्बडमहट में वे आने वाले प्रश्नों का उत्तर भी सही तरीके से नहीं लिख पाते या याद किया हुआ भूलने लगते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों के अंदर ‘एग्जाम हॉल फोबिया’ सिर चढ़ कर बोलता है, क्योंकि हमारी शिक्षा प्रणाली ही ऐसी है, जिसमें छात्रों पर दबाव बढ़ जाता है। अधिकांश छात्र अपने अभिभावकों व समाज के दबाव के चलते परीक्षा को अपनी जिन्दगी और प्रतिष्ठा से जोड़ लेते हैं। और भी कई तरह के दबाव छात्रों पर हावी रहते हैं। कुल मिला कर यही होता है कि परीक्षा में प्रश्न पत्र मिलने से पहले ही छात्रों के हाथ-पांव फूलने लगते हैं। ऐसे में छात्रों को एकाग्रता बनाए रखने की विशेष सलाह दी जाती है।

मानसिक स्थिति मजबूत बनाएं
परीक्षा चाहे कोई भी हो, छात्रों को सबसे पहले अपनी मानसिक स्थिति मजबूत करनी होगी। तैयारी जितनी होनी थी, वह अब तक हो चुकी, अब उस पर सोचने से कोई फायदा होने वाला नहीं। उसी तैयारी पर भरोसा जताते हुए छात्र इस महासमर में कूद जाएं। इस क्रम में छात्रों को अपनी सोच सकारात्मक रखनी होगी। उन्हें मन में न कोई हीन भावना पालनी होगी और न ही अभी से अपने परिणाम के संदर्भ में कोई धारणा बनानी होगी। बुलंद हौसले के साथ पेपर देने जाएं। यकीन मानिए आप अपनी उम्मीद से बेहतर कर गुजरेंगे। अगर कोई परेशानी है तो उसे अभिभावकों के साथ सांझा करें। निश्चित तौर पर वे आपकी परेशानी को समझेंगे और समाधान निकालेंगे।

बदलाव ने की राह आसान
हमारी शिक्षा प्रणाली ऐसी है, जो छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बनाती है। फिर भी कहना गलत नहीं होगा कि पिछले कुछ वर्षों से इसमें कुछ सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। लगभग सभी बोर्ड धीरे-धीरे ‘चाइल्ड फ्रेंडली’ बनने की राह पर हैं। हालिया वर्षों में कई ऐसे कदम उठाए गए हैं, जो छात्रों की परेशानी को काफी हद तक कम कर चुके हैं। काउंसलर पैनल, हेल्पलाइन, सैंपल पेपर आदि उसी कड़ी का एक हिस्सा हैं। उत्तर लिखते समय यदि शब्द सीमा कम हो तो भी पूरे अंक मिलने की संभावना रहती है। माता-पिता भी पहले की अपेक्षा मित्रवत व सहायक नजर आ रहे हैं, इसलिए छात्रों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।

टूल्स आदि पहले ही चेक करें
परीक्षा के एक दिन पूर्व ही छात्र अपना एडमिट कार्ड, ज्योमेट्री बॉक्स आदि तैयार कर लें। ज्योमेट्री बॉक्स में भी कई आवश्यक चीजें रखनी होती हैं, जिनके बिना उन्हें दिक्कत आ सकती है। जब ये सारी चीजें एक दिन पहले ही सेट हो जाएंगी तो छात्र परीक्षा वाले दिन निश्चिंत होकर पेपर देने जा सकते हैं। परीक्षा भवन में प्रवेश करते समय छात्र यह एक बार जरूर जांच लें कि गलती से उनके ज्योमेट्री बॉक्स अथवा जेब में कोई कागज का टुकड़ा या मोबाइल तो नहीं आ गया है। सीट पर बैठने से पूर्व उसके आसपास का निरीक्षण भी कर लें कि वहां कोई ऐसी चीज तो नहीं है, जो परीक्षा के दौरान आपके लिए परेशानी का कारण बन जाए।

जो पता है, वहीं से शुरू करें
हर कोई पहले उन्हीं प्रश्नों का जवाब लिखना पसंद करता है, जो आसान हो तथा जिनका उत्तर वह भलीभांति जानता हो। यही प्रश्न पत्र हल करने का सही तरीका भी है। जितने भी प्रश्न आपको हल करने हैं, उनका विवरण पहले से प्रश्नपत्र में दिया गया होता है। घड़ी सामने रख कर मोटे रूप से यह तय कर लें कि किस प्रश्न पर कितना समय खर्च करना है। उतना ही लिखें, जितनी प्रश्न की मांग है। अति उत्साह या आवेग में ऐसा न हो कि समय का ख्याल ही न रहे। छात्र याद रखें कि बोर्ड ‘चाइल्ड फ्रेंडली’ है। शब्द कम होने की दशा में भी नंबर अच्छे मिल सकते हैं। 

वैल्यू पॉइंट्स को फोकस करें
हर उत्तर में कोई न कोई वैल्यू पॉइंट (महत्वपूर्ण बिन्दु, जिसमें पूरे उत्तर का भाव छिपा हो) जरूर होता है। छात्र फालतू की बातें लिखने से ज्यादा उस पर अधिक ध्यान लगाएं। जवाब लिखते वक्त यदि कोई चीज आपको जरूरी लगती हो तो उसे अंडरलाइन कर सकते हैं। यदि डायग्राम आदि के जरिए समझाना संभव हो तो उसका प्रयोग कर सकते हैं। यह सब छात्र की बेहतर प्रेजेंटेशन स्किल्स को दर्शाते हैं। समय की कमी के चलते सिर्फ उसका वैल्यू पॉइंट्स भी लिख दिया जाए तो अच्छे नंबर मिल जाते हैं। इससे परीक्षक को भी लगेगा कि छात्र को जवाब तो मालूम था, पर वह समय की कमी के चलते नहीं लिख पाया।

दूसरों की गतिविधियां को करें नजरअंदाज
परीक्षा भवन में छात्रों को एकाग्र बने रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वहां पर कई तरह के ‘डिस्टर्बिंग एलिमेंट्स’ होते हैं। आपके बगल में बैठा छात्र आपसे बार-बार कुछ पूछ रहा है या वह लगातार कॉपी भरे जा रहा है आदि, इन सभी चीजों से कदापि विचलित न हों। अब ज्यादा कॉपी भरने का जमाना नहीं रहा। आप सिंगल कॉपी भर कर भी अच्छे अंक ला सकते हैं। बस, आप अपना उत्तर लिखने पर ध्यान केंद्रित करें। कई बार छात्र दूसरे को डिस्टर्ब करने के लिए या उत्तर गलत करवाने के लिए भी इस तरह की हरकत करते हैं।  

अंत में कॉपी जरूर चेक करें
जिस एकाग्रता और सकारात्मक भाव से आपने उत्तर देना शुरू किया था, उसी भाव के साथ उसकी समाप्ति भी हो तो क्या कहने। हालांकि इस दौरान समय की कमी, जवाब का मालूम न होना या व्यर्थ का तनाव हावी होना आदि दिक्कतें आ सकती हैं, परन्तु असली जीत तो उन्हीं दिक्कतों से पार पाने में है। अंतिम पांच मिनट में छात्र एकबारगी अपने कॉपी को एक नजर देख लें कि किसी प्रश्न का क्रमांक तो लिखना नहीं भूल गए या गलत तो नहीं लिख दिया। हालांकि अब कॉपी के अंत में रोल नंबर लिखने की प्रथा नहीं रही। इस बारे में प्रश्न पत्र में दी गई सावधानी को पढ़ कर अपना संदेह दूर कर सकते हैं।

न्यूट्रीशनिस्ट की राय
एकता टण्डन
न्यूट्रीशनिस्ट, दिल्ली

हेल्दी खाएं और भरपूर सोएं
प्रतिदिन की अपेक्षा परीक्षा के दिनों में छात्रों को अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है, इसलिए संतुलित भोजन उनको ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करता है। इस तरह के भोजन से उनकी एकाग्रता बनी रहेगी और पढ़ाई में मन भी लगेगा।

परीक्षा की तैयारी के दिनों से लेकर परीक्षा समाप्त होने तक तक छात्र सुबह का नाश्ता जरूर करें। अच्छी डायट लेने से परेशानी से जूझने की ताकत मिलती है। हेल्दी डायट में दलिया, दूध, स्नेक्स, हरी सब्जियां, विभिन्न फल, दही आदि ले सकते हैं।

माता-पिता को इन दिनों यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने बच्चे से पूछ कर उसका मनपसंद तथा पौष्टिक भोजन दें। लिक्विड की मात्रा कभी कम न करें। पेट दर्द या पाचन संबंधी दिक्कत होने पर नींबू पानी या फल के ऊपर चाट नमक डाल कर खाने से पाचन जल्दी हो जाता है।

काउंसलर की राय
प्रो. आरके गुप्ता
करियर काउंसलर, नोएडा

प्रेजेंटेशन पर विशेष ध्यान दें
परीक्षा के दिनों में तनावरहित रहना आसान काम नहीं है, लेकिन उस पर कुछ हद तक नियंत्रण जरूर स्थापित किया जा सकता है। दुनिया में जो भी चीजें हैं, वे सभी महत्वपूर्ण नहीं होतीं। उनमें से कुछ अधिक महत्वपूर्ण होती हैं तो कुछ के छोड़ने से भी काम चल सकता है। यही बात कोर्स पर भी लागू होती है। शुरू में सावधानीपूर्वक प्रश्न पत्र पढ़ने के बाद ही लिखना आरंभ करें। जो भी प्रश्न अच्छे से आता है, उसे पहले करें। अच्छे से आने का मतलब यह नहीं है कि उस पर अतिरिक्त समय खर्च कर दें। अध्यापक भी छात्रों का विषय ज्ञान परखना चाहता है। इसमें प्रेजेंटेशन खास होता है, इसलिए उस पर ज्यादा फोकस करें।

मनोविज्ञानी की राय
प्रो. अशुम गुप्ता
मनोविज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय

रिलेक्स माइंड से जाएं पेपर देने
परीक्षा का नाम सुनते ही छात्रों में एंग्जायटी लेवल गड़बड़ाने लगता है। जो छात्र इस पर नियंत्रण बना लेते हैं, उनके लिए परीक्षा में सफल होने की राह आसान हो जाती है। परीक्षा से पूर्व की रात पूरी नींद लेने से दिमाग तरोताजा होता है। विषयों को लेकर दोस्तों के बीच चर्चा का मतलब है कि अपने आप को बिना वजह तनाव में उलझाना। जो तैयारी है, उसे पूर्ण मानें तथा परीक्षा भवन में जाते समय मन में कोई दुविधा न रहने दें। जो बीत गया, उसके बारे में न सोचें, बल्कि जो सामने है, उसे अच्छे से करने का प्रयास करें। खुद को यही भरोसा दिलाएं कि आप इस परीक्षा में अच्छे अंक ला सकने वाली स्थिति में हैं।

ऐसे आ सकते हैं अच्छे अंक

सभी प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें
महत्वपूर्ण बातों को रेखांकित करें
शीर्षक व पॉइंट का प्रयोग करें
जहां जरूरी हो, वहां कोटेशन भी लिखें
शब्द-सीमा का जरूर ख्याल रखें

इन आदतों से बचें

ज्यादा काट-छांट या अशुद्धियां
रफ कार्य निर्धारित स्थान पर न करना
प्रश्न संख्या न डालना
निर्धारित सीमा से अधिक शब्दों में उत्तर देना
एक ही शब्द बार-बार दोहराना

एकाग्रता बढ़ाने के मंत्र

पढ़ाई या परीक्षा के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज
पढ़ाई शांत वातावरण में ही करें
रटने से ज्यादा समझने पर जोर दें
सुबह-शाम टहलने अवश्य जाएं
नकारात्मक चीजें हावी न होने दें

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