मनमोहन सरकार इतिहास की भ्रष्टतम सरकारः भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केन्द्र की मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को इतिहास की भ्रष्टतम सरकार करार देते हुए इसे जल्द से जल्द उखाड़ फेंकने का आह्वान किया...
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केन्द्र की मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को इतिहास की भ्रष्टतम सरकार करार देते हुए इसे जल्द से जल्द उखाड़ फेंकने का आह्वान किया है।
महंगाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हल्लाबोल कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को जंतर-मंतर पर दिल्ली महिला मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित धरने को संबोधित करते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने महंगाई और भ्रष्टाचार के लिए पूरे तौर पर केन्द्र की सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने लोगों से महंगाई से राहत पाने के लिए इस सरकार को जल्द से जल्द उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजय गोयल, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता और राज्य महिला मोर्चा प्रमुख शिखा राय के अलावा बडी संख्या में अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
स्वराज ने मनमोहन सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इसने संवदेनहीनता की पराकाष्ठा पार कर दी है। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी एक महिला हैं, किंतु उन्हें मंहगाई से बुरी तरह त्रस्त गृहणियों की चीख पुकार सुनाई नहीं देती और सरकार धड़ाधड़ दाम बढ़ा रही है। इसके बावजूद वह कुछ कदम नहीं उठा रही है।
अटल बिहारी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार का स्मरण कराते हुए स्वराज ने कहा कि 22 मई 2004 को जब केन्द्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने सत्ता संभाली तो उस समय देश में पेट्रोल की कीमत 35.71 रुपए प्रति लीटर थी आज यह दाम करीब दोगुना 70.90 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गए।
जून 2004 में डीजल 22.74 रुपए प्रति लीटर से बढकर दोगुने से अधिक 46.90 रुपए प्रति लीटर हो गया है। रसोई गैस का सिलेंडर 261 रुपए से 411 रुपए हो गया है। उस पर भी साल भर में रियायती सिलेंडरों की सीमा छह कर दी गई है। इससे अधिक सिलेंडर खरीदने के लिए 899 रुपए कीमत चुकानी होगी।
स्वराज ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से सब कुछ मंहगा हो जाता है। उन्होंने कहा कि जब जब केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार रही है कालाबाजारी बढ़ी है। भ्रष्टाचार को लेकर मनमोहन सरकार पर निशाना साधते हुए स्वराज ने कहा कि यह सरकार धरती, आकाश और पाताल, कहीं से भी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आई।
राष्ट्रमंडल खेलों का घोटाला धरती पर किया गया तो टूजी स्पेक्ट्रम आकाश में और कोलगेट पाताल में हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार इन तीन घोटालों से ही 4.83 लाख करोड़ रुपए के थे और घाटे की भरपाई पूरा करने के लिए लोगों पर बोझ डाला जा रहा है।
विपक्ष की नेता ने कहा कि सरकार के सहयोगी उसका साथ छोड़कर जा रहे हैं और शीतकालीन सत्र के बाद यह सरकार नहीं बचेगी। सरकार की सबसे बड़ी घटक ममता बनर्जी साथ छोड़ चुकी है और आने वाले दिन सरकार के लिए बहुत मुश्किल भरे होंगे।