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हर हाल में पहुंचूंगा अयोध्या : अशोक सिंघल

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल ने साफतौर पर कहा कि वह रविवार सुबह लखनऊ हवाईअड्डे पर पहुंचेंगे और वहां से संतों के साथ अयोध्या के लिए प्रस्थान...

हर हाल में पहुंचूंगा अयोध्या : अशोक सिंघल
Sat, 24 Aug 2013 09:31 PM
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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल ने साफतौर पर कहा कि वह रविवार सुबह लखनऊ  हवाईअड्डे पर पहुंचेंगे और वहां से संतों के साथ अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। सिंघल ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वह अयोध्या हर हाल में पहुंचेंगे, सरकार जो चाहे कर सकती है।

सिंघल ने शनिवार को आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार पर जमकर प्रहार किया और कहा कि हिंदू समाज को झूठे तथ्यों के सहारे बरगलाने की कोशिश की जा रही है।

सिंघल ने कहा कि मुख्यमंत्री और सरकार द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार यथास्थिति बहाल करने के लिए ही परिक्रमा पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। यह सरासर गलत है। विहिप की 84 कोसी परिक्रमा रामजन्मभूमि मंदिर से 15 से 2० किलोमीटर दूर हो रही है। वहां किसी तरह की अव्यवस्था का तो सवाल ही नहीं है।

उन्होंने कहा, ''जानबूझकर झूठे तथ्यों का सहारा लिया जा रहा है। सरकार को जो करना हो, करे मैं अयोध्या जरूर जाऊंगा। अयोध्या में तो तीन-चार हजार संत हमेशा बने रहते हैं लेकिन वहां आज तक किसी तरह की अव्यवस्था नहीं हुई और अब सरकार द्वारा भ्रम फैलाकर हिंदू समाज को गुमराह किया जा रहा है।''

पूछे जाने पर कि जब यात्रा पर सरकार प्रतिबंध लगा चुकी है, फिर यह सफल कैसे होगी, उन्होंने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा के तहत 4० पड़ाव बनाए गए हैं और जिन रास्तों से होकर यह यात्रा गुरजेगी उस रास्ते में पड़ने वाले गावों के हजारों लोग इस यात्रा में शामिल होंगे। वही हमारी ताकत हैं। उन्हें कोई नहीं रोक सकता।

सिंघल ने कहा कि यात्रा में कई प्रांतों के संत पहुंचेंगे। वे पहुंच भी रहे हैं। प्रशासन द्वारा उन्हें अलग-अलग जगहों पर सुबह से ही गिरफ्तार किया जा रहा है। वे लौटकर अपने राज्यों में प्रदर्शन करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि चातुर्मास में परिक्रमा आयोजित कराने को लेकर हिंदू धर्म के कई धर्माचार्य भी सवाल खड़े कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, अयोध्या में चातुर्मास की परंपरा नहीं है। जो लोग यह सवाल खड़ा कर रहे हैं, उन्हें यह भी जान लेना चाहिए कि चातुर्मास का पालन केवल बड़े-बड़े संत एवं शंकराचार्य करते हैं। यह आम लोगों पर लागू नहीं होती है।

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