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समिति का गठन करेगा एआईटीए, गतिरोध जारी

डेविस कप में शीर्ष खिलाड़ियों के बहिष्कार के बाद एआईटीए ने उनकी मांगों पर गौर करने के लिए विशेष समिति के गठन का फैसला किया है जबकि खिलाड़ियों और महासंघ के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ...

समिति का गठन करेगा एआईटीए, गतिरोध जारी
Sat, 12 Jan 2013 10:24 PM
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डेविस कप में शीर्ष खिलाड़ियों के बहिष्कार के बाद एआईटीए ने उनकी मांगों पर गौर करने के लिए विशेष समिति के गठन का फैसला किया है जबकि खिलाड़ियों और महासंघ के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा।

आरोप प्रत्यारोप का दौर आज भी जारी रहा। दक्षिण कोरिया के खिलाफ मुकाबले के लिए दोयम दर्जे की टीम की घोषणा करने के बाद एआईटीए ने एआईटीए ने एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा है जो डेविस कप संबंधी मसलों पर गौर करेगी और बागी खिलाड़ियों के साथ समझौता करेगी।

एआईटीए अध्यक्ष अनिल खन्ना ने समिति के गठन का प्रस्ताव रखा। इसका गठन तीन फरवरी को एआईटीए की कार्यकारी समिति की बैठक में किया जाएगा। समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जज या सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी करेगा।
 
इससे पहले खिलाड़ियों की बगावत की अगुआई कर रहे भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन ने आज एआईटीए पर निशाना साधते बागी गुट की अनदेखी करने के लिए उसे गैरपेशेवर और अनैतिक करार दिया। एआईटीए ने कल अनुभवी महेश भूपति और रोहन बोपन्ना सहित आठ बागी खिलाड़ियों की अनदेखी करते हुए एक से तीन फरवरी तक दक्षिण कोरिया के खिलाफ होने वाले एशिया-ओसियाना समूह एक डेविस कप मुकाबले के लिए दूसरे दर्जे की टीम चुनी।

विद्रोही खिलाड़ियों ने खुद को इस मुकाबले के लिए अनुपलब्ध रखा था जिससे एआईटीए को कमजोर टीम चुनने को बाध्य होना पड़ा। सोमदेव ने मेलबर्न से कहा कि एआईटीए ने पिछले हफ्ते जो किया वह गैरपेशेवर और अनैतिक है। खिलाड़ी निराश हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि एआईटीए ने काफी दावे किए लेकिन सच्चाई यह है कि हमें कुछ भी लिखित में नहीं मिला। खिलाड़ी यही मांग कर रहे थे, हम यह लिखित में चाहते थे क्योंकि एआईटीए के इतिहास को देखते हुए सिर्फ भरोसे पर उनकी बात मानना बेवकूफाना होता।
 
सोमदेव ने कहा कि कुछ भी लिखित में नहीं मिला, मैं आपको इसकी गारंटी दे सकता हूं। हमें अंतिम ईमेल छह जनवरी को मिला था और उसमें ऐसा कुछ नहीं था जैसा उन्होंने कल प्रेस विज्ञप्ति में कहा। यह दर्शाता है कि वे कैसे महासंघ हैं। इस स्टार टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि खिलाड़ियों ने सिर्फ आधाभूत अधिकारों की मांग की थी और चाहते थे कि एआईटीए पेशेवर रुख अपनाए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी चाहते थे कि जो भी हो रहा है उसकी जानकारी उन्हें भी हो। हमने कुछ चिंताएं जताई थी और चाहते थे कि इससे पेशेवर तरीके से निपटा जाए।

सोमदेव ने कहा कि अगर एआईटीए सब कुछ लिखित में दे देता तो खिलाड़ी खुशी से डेविस कप मुकाबले में खेलने को राजी हो जाते। उन्होंने कहा कि अगर हमें लिखित में दिया जाता, अगर चीजों से पेशेवर तरीके से निपटा जाता तो शत-प्रतिशत हम खेलते। सभी खिलाड़ी खुद को उपलब्ध रखते, अगर पेशेवर तरीके से काम किया जाता तो। लेकिन चयन समिति ने हमें लिखित में कुछ नहीं दिया।

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