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बटला हाउसः न्यायिक जांच चाहता है अल्पसंख्यक पैनल

बिहार अल्पसंख्यक आयोग ने विवादास्पद बटला हाउस मुठभेड़ मामले में न्यायिक जांच का आदेश नहीं देने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इससे उनमें गंभीरता का अभाव दिखता...

बटला हाउसः न्यायिक जांच चाहता है अल्पसंख्यक पैनल
Tue, 13 Mar 2012 06:59 PM
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बिहार अल्पसंख्यक आयोग ने विवादास्पद बटला हाउस मुठभेड़ मामले में न्यायिक जांच का आदेश नहीं देने के लिए मंगलवार को केंद्र और दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इससे उनमें गंभीरता का अभाव दिखता है।

राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नौशाद अहमद ने कहा कि बटला हाउस में 21 सितम्बर 2008 को हुए मुठभेड़ की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा की गई जांच और पुलिस के बयानों एवं साक्ष्यों में अंतर दिखाता है कि मुठभेड़ फर्जी थी। मुठभेड़ में दो युवक मारे गए थे और शेष को दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद में विस्फोटों में कथित संलिप्तता के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया था।

अहमद ने कहा कि कई संगठनों एवं राजनीतिक दलों ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की, लेकिन केंद्र और दिल्ली सरकार ने ऐसा नहीं किया क्योंकि कुछ गड़बड़ था और यह इन सरकारों की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत बिहार सरकार ने फार्बिसगंज पुलिस गोलीबारी मामले की जांच का तुरंत आदेश दिया था जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इंडियन मुजाहिददीन के कथित मार्गदर्शक काफिल अहमद की दिल्ली पुलिस द्वारा दरभंगा में गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए राज्य अल्पसंख्यक पैनल के प्रमुख ने कहा कि वह सामान्य साइकिल मरम्मतकर्ता था जो एक मदरसे के छोटे से कमरे में रहता था।

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