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रेल बजट पर चर्चा का संसद में दूंगा जवाब: त्रिवेदी

रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बागी तेवर जारी रखते हुए तृणमूल कांग्रेस के उस निर्देश को खारिज कर दिया, जिसमें उनसे पद से त्यागपत्र देने को कहा गया था। ममता बनर्जी की ओर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से...

रेल बजट पर चर्चा का संसद में दूंगा जवाब: त्रिवेदी
एजेंसीSat, 17 Mar 2012 09:22 PM
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रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बागी तेवर जारी रखते हुए तृणमूल कांग्रेस के उस निर्देश को खारिज कर दिया, जिसमें उनसे पद से त्यागपत्र देने को कहा गया था।

ममता बनर्जी की ओर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उन्हें हटाये जाने पर जोर दिये जाने के मद्देनजर 61 वर्षीय त्रिवेदी ने कहा कि पार्टी प्रमुख को यह मांग लिखकर करनी चाहिए। रेल यात्री किराया बढ़ाए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस की नाराजगी झेल रहे त्रिवेदी ने कहा कि संसद में पेश किये गये बजट को पारित कराना उनका संवैधानिक कर्तव्य है।

तृणमूल कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक कल्याण बनर्जी द्वारा उन्हें फोन करके पद छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा, मैंने रेल बजट संसद में पेश किया है। सोमवार को इस पर चर्चा होगी। मुझे रेल बजट पर चर्चा का जवाब देना है।

ममता ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें जो कुछ भी कहना था उन्होंने वह कह दिया है। उन्होंने निर्णय के लिए अब गेंद प्रधानमंत्री के पाले में डाल दी है। उन्होंने त्रिवेदी को हटाकर उनके स्थान पर मुकुल राय को रेल मंत्री बनाये जाने की अपनी मांग पर कहा, अब निर्णय सरकार को करना है। रेलमंत्री के लिए मुकुल राय हमारे उम्मीदवार होंगे।

त्रिवेदी के बागी तेवर ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेतृत्व को उहापोह की स्थिति में डाल दिया है जिसमें रेल मंत्री को हटाने या ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस की ओर से समर्थन वापस लिये जाने के संभावित खतरे के बीच उन्हें पद पर बने रहने की इजाजत देने के बीच निर्णय करना है।

तृणमूल कांग्रेस के 19 सांसद हैं और वह संप्रग की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने कोलकाता में पहले दावा किया था कि कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी को भरोसा दिलाया है कि त्रिवेदी को प्रणब मुखर्जी द्वारा आम बजट पेश किये जाने के बाद बदल दिया जाएगा।

तृणमूल कांग्रेस पार्टी के संसदीय पार्टी के नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने त्रिवेदी के दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें रेल बजट चर्चा का जवाब देना है। उन्होंने कहा, एक पूर्व उदाहरण है। ममता ने वर्ष 2001 में बजट पेश करने के बाद राजग सरकार के रेल मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। चर्चा का जवाब उनके उत्तराधिकारी नीतीश कुमार की ओर से दिया गया था।

बंदोपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री नीतिगत तौर पर उचित समय पर त्रिवेदी के स्थान पर किसी और को लाने पर सहमत हो गए हैं तथा उनकी ओर से इसे लागू करना अपेक्षित है। त्रिवेदी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि कल्याण बनर्जी ने मुझे सुबह फोन किया और मुझे त्यागपत्र देने का कहा।

उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि यह क्या है संसद में यह कहा जाता है कि दिनेश त्रिवेदी से कोई त्यागपत्र नहीं मांगा गया है, वहीं दूसरी ओर आप यह कह रहे हैं। त्रिवेदी ने कहा कि हमें भ्रम में कार्य नहीं करना चाहिए। मैंने अभी रेल बजट पेश किया है और पूरे देश ने इसकी प्रशंसा की।

संसद के सदस्यों ने भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इसकी प्रशंसा की। इसलिए मुझे रेलमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। मुझे चर्चा में हिस्सा लेना है, जवाब तैयार करना है जो कि सोमवार को निर्धारित है। त्रिवेदी ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा कि हो क्या रहा है।

अभी तक मामला पूरी तरह से स्पष्ट है, मैंने सुझाव दिया है कि मैं कुछ भी मौखिक तौर पर नहीं लेना चाहता। मेरे लिये संसद किसी भी चीज से अधिक पवित्र है। इसलिए मैंने सुझाव दिया कि ममता को मुझे पत्र लिखना चाहिए ताकि कोई भ्रम नहीं हो। उन्होंने कहा कि वह कार्य करने और रेल बजट पर चर्चा संबंधी तैयारी करने के लिए रेल भवन जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं रेल मंत्री के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन करूंगा।

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