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नहीं मिल रहा कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा

डॉलर के मुकाबले रुपए में आती गिरावट से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह बात उद्योग संगठन ऐसोचैम ने बुधवार को...

नहीं मिल रहा कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा
Wed, 06 Jun 2012 04:44 PM
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डॉलर के मुकाबले रुपए में आती गिरावट से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह बात उद्योग संगठन ऐसोचैम ने बुधवार को कही।

ऐसोचैम ने कहा कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में गिरावट का जो लाभ मिलना चाहिये था वह कमजोर रुपए की वजह से नहीं मिल पा रहा है और नतीजतन आयात बिल बढ़ रहा है।

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत कल 85 डॉलर प्रति बैरल पर थी जो हाल के महीनों में 125 डॉलर पर पहुंच गई थी। हालांकि, रुपया डॉलर के मुकाबले 55 के स्तर पर पहुंच गया जबकि यह कुछ महीने पहले 49 के स्तर पर था।

ऐसोचैम ने कहा कि भारत अपनी जरूरत के 83 फीसदी हिस्से का आयात करता है और आयात बिल बढ़ने के कारण 2011-12 के दौरान व्यापार घाटा 185 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

संगठन ने कहा कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत और विनिमय दर दोनों का नियमन मुश्किल है इसलिए बेलगाम आयात बिल के मद्देनजर एक ही नीतिगत विकल्प बचता है कि मांग कम की जाए।

ऐसोचैम ने कहा कि तेल खपत में कमी से बढ़ते व्यापार घाटे, ईंधन सब्सिडी बिल में बढ़ोतरी और अन्य वहत-आर्थिक असंतुलन जैसी कई समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
 

संगठन ने कहा कि कच्चे तेल का आयात और इसका सरकारी वित्तीय प्रणाली पर असर आयात की मात्रा, कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत और विनिमय दर पर निर्भर करता है।

इसमें कहा गया कि पिछले आठ से नौ साल के दौरान रुपए के लिहाज से भारत के कच्चे तेल के आयात बिल में 500 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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