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बारिश में बचकर रहें इन बीमारियों से

भारतीय आयुर्विज्ञान की मान्यता है कि बरसात के मौसम में वात दोष तीव्र हो जाता है। इस पूरे मौसम में इस दोष का प्रभाव बना रहता है। इसका कारण है कि बारिश के मौसम में सूर्य की कीटाणुनाशक किरणें हम तक...

बारिश में बचकर रहें इन बीमारियों से
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 04 Jul 2016 03:14 PM
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भारतीय आयुर्विज्ञान की मान्यता है कि बरसात के मौसम में वात दोष तीव्र हो जाता है। इस पूरे मौसम में इस दोष का प्रभाव बना रहता है। इसका कारण है कि बारिश के मौसम में सूर्य की कीटाणुनाशक किरणें हम तक पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाती हैं। फिर जगह-जगह पानी भरने और गंदगी के कारण मक्खी, मच्छर और अन्य रोगाणु भी पनपने लगते हैं। बरसात में भीगने के कारण भी हम कई बार सर्दी-खांसी का शिकार हो जाते हैं। इस मौसम में रोगाणुओं और जीवाणुओं के अधिक संख्या में पनपने के कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी क्षीण हो जाती है।  

मानसून में बढ़ता है संक्रमण

मानसून में संक्रमण तेजी से बढ़ता है और बैक्टीरिया आदि जीवाणु और रोगाणु के पनपने की क्षमता भी अधिक हो जाती है। इसका मुख्य कारण है वातावरण और जलवायु में बदलाव। बारिश के मौसम में नमी भी बहुत अधिक होती है और तापमान भी न ज्यादा गर्म और न ज्यादा सर्द होता है, इसलिए बैक्टीरिया और अन्य वायरस को पनपने के लिए आदर्श माहौल मिल जाता है। नमी के कारण फंगस भी तेजी से पनपता है। घर और छतों आदि में सीलन की वजह से इनका संक्रमण तेजी से बढ़ता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाने के कारण ही इस मौसम में बीमारियां हमें जल्दी जकड़ लेती हैं।

मानसून में होने वाले रोग

त्वचा रोग:  इस मौसम में चर्म रोग, घमौरी, फोड़े-फुंसी आदि होने की आशंका बहुत अधिक रहती है। ये सभी फंगल इंफेक्शन हैं, जो नमी के कारण होते हैं। बारिश में भीगने पर तुरंत कपड़े बदल लें। अपनी त्वचा को सूखा रखें। इससे सभी तरह के त्वचा रोगों से बचा जा सकता है। अपने शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। नियमित तौर पर स्नान करें। हाथों को समय-समय पर साबुन से धोकर साफ करें। 

आई फ्लू: आई फ्लू मानसून में होने वाली आम बीमारी है। इसके लक्षण आंखों में जलन, सूजन, पानी आना, आंखें चिपकना, आंखों में दर्द होना आदि हैं। इससे बचाव के लिए आप अपनी आंखों को धुले हाथों से साफ पानी से दिन में कई बार धोएं। आंखों में नियमित रूप से गुलाबजल डालें। अगर इन्फेक्शन हो जाए तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।

पेट की गड़बड़ी : पेट की खराबी बरसात का आम रोग है। इस मौसम में डायरिया, उल्टी, दस्त अकसर हो जाते हैं। बारिश के दिनों में हमारी पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। ऐसे में बाहर का जंक फूड या अस्वस्थ भोजन हमारे पेट में गड़बड़ी उत्पन्न कर देता है। इस स्थिति में पेट दर्द, अपच, गैस आदि होना सामान्य है। इसलिए इस मौसम में खाने-पीने का ख्याल रखें। हल्का भोजन करें और खाने के बाद टहलने की आदत डालें ताकि खाना पच सके।

 

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