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घर में छिपे कीटाणुओं का इन टिप्स से होगा आसानी से खात्मा

अपने घर को हाइजीनिक और स्वस्थ बनाए रखने के लिए यह कतई जरूरी नहीं है कि आप पूरे दिन घर की साफ-सफाई में लगी रहें या फिर घर और आपको 100% बैक्टीरिया मुक्त रखने का दावा करने वाले एंटीबैक्टीरियल प्रोडक्ट्स...

घर में छिपे कीटाणुओं का इन टिप्स से होगा आसानी से खात्मा
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Mar 2017 03:43 PM
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अपने घर को हाइजीनिक और स्वस्थ बनाए रखने के लिए यह कतई जरूरी नहीं है कि आप पूरे दिन घर की साफ-सफाई में लगी रहें या फिर घर और आपको 100% बैक्टीरिया मुक्त रखने का दावा करने वाले एंटीबैक्टीरियल प्रोडक्ट्स पर बहुत अधिक खर्च करें। सफाई करते समय या खाना बनाते समय कई ऐसी छोटी-छोटी बातें हैं, जिनकी रोज की लापरवाही हमारी हाइजीन संबंधी जानकारी पर सवाल उठाती है। घर में ही कई ऐसे खतरे वाले जगह हैं जो लंबे समय तक अछूते रह जाते हैं। खासतौर पर तापमान का बढ़ना और अधिक नमी कीटाणुओं को बढ़ावा देते हैं।  

चाकू, चॉपिंग बोर्ड और फ्रिज में सबसे ज्यादा कीटाणु   

इंडियन मेडिकल एकैडमी द्वारा देशभर में 1400 घरों में किए गए एक सर्वे के अनुसार साफ-सुथरे दिखने वाले घर खासतौर पर रसोई संक्रमित पाए गए हैं। ग्लोबल हाइजीन काउंसिल के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार रसोई में इस्तेमाल के कपड़े, चाकू व चॉपिंग बोर्ड, फ्रिज के भीतर के हिस्से 60 से 90 प्रतिशत तक संक्रमित पाए गए हैं। घर में हाइजीन की कमी फूड प्वॉइजनिंग, डायरिया या जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने के अलावा अस्थमा के साथ-साथ जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों की परेशानी को भी बढ़ाने वाली होती है। गृहविज्ञान विशेषज्ञों के अनुसार, हम घर की सफाई पर तो ध्यान देते हैं, पर उसकी स्वच्छता यानी उसके संक्रमणमुक्त होने पर उतना ध्यान नहीं देते। आप कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर अपने घर को बैक्टीरिया प्रूफ बना सकती हैं, जैसे...

  • मक्खी-मच्छरों को दूर रखने के लिए लाइट फिटिंग्स, नल, स्विच, दरार आदि को केस्टर ऑयल से पोछें। केस्टर ऑयल मक्खी-मच्छर को पैदा होने से रोकता है।
  • कॉकरोच को दूर रखने के लिए एक जग में गर्म पानी में एक कप केरोसिन तेल मिला कर सप्ताह में एक बार रात में नालियों में डालें। गर्मियों में फर्श को फिनायल या नमक के पानी से साफ करें।
  • नियमित रूप से घर की चीजों की उन सतहों को अवश्य साफ करें जिन्हें आप अक्सर हाथों से छूती हैं, जैसे फ्रिज व अलमारी के दरवाजे का हैंडल, नल, डस्टबिन, टॉयलेट सीट, बर्तनों का स्टैंड, टेलीविजन रिमोट कंट्रोल, लाइट स्विच व टेलीफोन  आदि।
  • कारपेट, दरी, परदे, सोफे की गद्दियां, सॉफ्ट टॉयस व कुशन आदि की नियमित सफाई करें।
  • गीले कपड़ों को रसोई या फिर बाथरूम में लंबे समय तक न छोड़ें। रात में सोने से पहले गीले कपड़ों को अच्छी तरह निचोड़कर सुखाना नमी से पैदा होने वाले बैक्टीरिया को पैदा होने से रोकता है।
  • खाने-पीने की चीजों के बिखरे हुए टुकड़ों को यूं ही न छोड़ें। तुरंत सफाई कर दें।
  • घर में यदि पेड़-पौधे व गमले हैं तो उसके आसपास के हिस्से की भी नियमित सफाई करें।

बाथरूम भी है निशाने पर

टॉयलेट, खासतौर पर बेसिन, टॉयलेट सीट व ऐसा कोई भी हिस्सा जो शरीर के संपर्क में आता है, वहां से रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया के संपर्क में आने की आशंका अधिक होती है। काई, फफूंदी, नमी, दरारें रोग फैलाने वाले कीटाणुओं को तेजी से अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि बाथरूम में किसी छोटी-मोटी मरम्मत को लंबे समय से टाल रही हैं तो उसे ठीक कराने में ही समझदारी है।

  • बाथरूम को अनावश्यक सामान से भरकर न रखें।
  • गीले कपड़ों को खुला या बिखरा हुआ न छोड़ें। गीले कपड़ों पर बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं।
  • इस्तेमाल के बाद शैंपू की खाली बोतल, पैकेट, फेसवॉश व अन्य बोतलों को फेंक दें। एक्सपायरी प्रोडक्ट्स को जमा करके रखने में कोई समझदारी नहीं है।
  • साबुनदानी की भी नियमित सफाई करें। किनारों पर जमने वाली साबुन पर गंदगी की परत जमने लगती है, जिस पर बैक्टीरिया पैदा होते हैं।
  • यदि संभव है तो हर छह माह बाद नया टॉयलेट ब्रश खरीदें।
  • अपने टूथब्रश को भी हर तीन माह पर बदलें और ब्रश करने के बाद उसे अच्छी तरह से धोना न भूलें। 
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