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हर चुनाव में माओवाद के नाम से सनसनी....

विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों की जनसभाओं से ठीक पहले माओवादियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करा कर जहां पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। वहीं, माओवाद के समर्थन में लगे पोस्टरों ने...

हर चुनाव में माओवाद के नाम से सनसनी....
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 11 Feb 2017 04:41 PM
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विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों की जनसभाओं से ठीक पहले माओवादियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करा कर जहां पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। वहीं, माओवाद के समर्थन में लगे पोस्टरों ने शासन-प्रशासन और खुफिया तंत्र की नाकामी को सामने रख दिया है। क्योंकि चुनावों के समय पिछले कई सालों से माओवादी पोस्टर लगाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन के हाथ माओवादी गतिविधियों में लिप्त लोगों से काफी दूर हैं।

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में सोमेश्वर के बाजार समेत क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में माओवादी पोस्टर चिपकाए गए थे। माओवादी पोस्टरों के बाद जहां प्रशासन में हड़कंप मच गया था। वहीं, तमाम प्रयासों के बाद भी प्रशासन माओवादियों को पकड़ने में नाकाम रहा। माओवादियों को पकड़ने की चुनौती पूरी हो पाती इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनावों में फिर सोमेश्वर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राइमरी स्कूल, तहसील रोड, कोसी पुल और ताकुला बसोली क्षेत्रों में भी फिर माओवादी पोस्टर चिपका दिए गए।

कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़कर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया, लेकिन बाद में न्यायालय ने उन्हें निर्दोष साबित कर दिया। माओवादी गतिविधियों की इस गुत्थी को पुलिस सुलझा पाती इससे पहले वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर सोमेश्वर क्षेत्र में माओवादी पोस्टर, पर्चें और लाल स्याही से दीवारों पर संदेश लिख दिए गए।

पुलिस और खुफिया एजेंसियों के लिए जहां माओवादी गतिविधियां परेशानी का सबब बनी हुई हैं। वहीं, यह बात भी साफ हो गई है कि इन गतिविधियों में लिप्त लोगों से निपटने में प्रशासन लगातार नाकाम साबित हो रहा है। विधानसभा चुनावों के दौरान भले ही राजनीतिक पार्टियां भले ही इस मामले में एक दूसरे पर आरोप लगाकर पुलिस और खुफिया एजेंसियों को राहत दे रही हों, लेकिन सच्चाई यह है कि जिले की कानून व्यवस्था में छेद ही छेद नजर आ रहे हैं।

थानेदार बोले

माओवादी गतिविधियों के बाद पूरे मामले की सघनता से जांच की जा रही है। सोमेश्वर में दोनों बार लिखे गए संदेश एक ही व्यक्ति द्वारा लिखे गए हैं। इन गतिविधियों में लिप्त लोगों को पकड़ने के लिए जगह जगह दबिश भी दी जा रही है। बृजेंद लाल साह, थानाध्यक्ष, सोमेश्वर

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