71 हजार बेरोजगारों को नहीं मिल पाया रोजगार
युवाओं को रोजगार देने के लिए भले ही राजनीतिक दल तमाम वायदों क्यों न करते हों, पर सच्चाई यह है कि रोजगार के अभाव में जिले में बेरोजगारों की फौज लगातार बढ़ती है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो जिले में...
युवाओं को रोजगार देने के लिए भले ही राजनीतिक दल तमाम वायदों क्यों न करते हों, पर सच्चाई यह है कि रोजगार के अभाव में जिले में बेरोजगारों की फौज लगातार बढ़ती है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो जिले में 71 हजार से अधिक युवा ऐसे हैं, जिन्हें आज तक रोजगार मुहैया ही नहीं हो सका है। मजबूरी में वह अब रोजगार के लिए तराई के क्षेत्रों का रूख कर रहे हैं।
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद यहां के युवाओं ने अपने ही प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने का सपना देखा था, लेकिन राज्य गठन के 16 साल बाद भी युवाओं का यह सपना पूरा नहीं हो पाया है। अल्मोड़ा जिले की बात करें तो यहां आज भी 71 हजार से अधिक युवा रोजगार की तलाश कर रहे हैं। क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां अनुसूचित जाति के 10,390 बेरोजगार, अनुसूचित जनजाति के 216, पिछड़ी जाति के 1524 और सामान्य वर्ग के 59,214 बेरोजगार पंजीकृत हैं। जो रोजगार के लिए दर दर भटक रहे हैं। रोजगार नहीं मिल पाने के कारण अधिकांश युवाओं के सामने अब पलायन के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं रह गया है, लेकिन युवाओं को मजबूत करने के दावे करने वाले राजनीतिक दल इस स्थिति को जानने के बाद भी कोई ठोस पहल नहीं कर पा रहे हैं।
सेवायोजन अधिकारी बोले
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में 71 हजार से अधिक बेरोजगार पंजीकृत हैं। जिन्हें नियोजकों से कोई रिक्त स्थान प्राप्त नहीं हो सके हैं। इस कारण कोई नियुक्ति भी नहीं हो सकी है।
वाईएस रावत, जिला सेवायोजन अधिकारी, अल्मोड़ा