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जीवनकथा बताती कठपुतली का करतब देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

कठपुतलियों का प्रदर्शन अब पुराना रिवाज जरूर हो गया है लेकिन अब कठपुतलियों के प्रदर्शन के प्रति लोगों में जिज्ञासा बनी हुई है। खासकर जब चिंतन-मनन करने वाले लोग कठपुतलियों के जरिए मानव जीवन की कथा का...

जीवनकथा बताती कठपुतली का करतब देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 29 Sep 2016 05:40 PM
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कठपुतलियों का प्रदर्शन अब पुराना रिवाज जरूर हो गया है लेकिन अब कठपुतलियों के प्रदर्शन के प्रति लोगों में जिज्ञासा बनी हुई है। खासकर जब चिंतन-मनन करने वाले लोग कठपुतलियों के जरिए मानव जीवन की कथा का बयां करते हैं तो देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। कठपुतलियों को कंट्रोल करने वाले हाथ की निपुणता देखने वाले को अचरज में डालती है।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की ओर से प्रयाग संगीत समिति में कठपुतली का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर कठपुतली के जरिए तीन प्रस्तुतियां की गई। इसमें पहली प्रस्तुति प्रदीप कुमार त्रिपाठी के निर्देशन में ‘गुलाबो सिताबो की कहानी और रवीन्द्रनाथ टैगोर रचित ‘काबुली वाला की प्रस्तुति हुई। तीसरे भाग में दिनेश भारती रचित ‘द ग्रेट राजा मास्टर की प्रस्तुति उमाकांत के निर्देशन में हुई।

कार्यक्रम का शुभारंभ सचिव अरुण कुमार, निदेशक देवेन्द्र सिंह, नवीन श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। प्रस्तुति सहायक में कलाकार प्रमोद दूबे, राजवीर रतन, संजय श्रीवास्तव, रमाकांत शुक्ल, इमरान और केके का रहा। संचालन मधू रानी शुक्ला ने किया।

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