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आलोचकों को सहज भाव से स्वीकारते थे गांधी : राजन शुक्ला

गांधी जयंती के अवसर पर शनिवार को महात्मा गांधी एवं राष्ट्रीय आन्दोलन विषयक दुर्लभ अभिलेखों की प्रदर्शनी एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने गांधी जी की सादगी, समरसता भाव और भविष्य को देखने...

आलोचकों को सहज भाव से स्वीकारते थे गांधी : राजन शुक्ला
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 01 Oct 2016 08:20 PM
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गांधी जयंती के अवसर पर शनिवार को महात्मा गांधी एवं राष्ट्रीय आन्दोलन विषयक दुर्लभ अभिलेखों की प्रदर्शनी एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने गांधी जी की सादगी, समरसता भाव और भविष्य को देखने की क्षमता का उल्लेख किया।

प्रदर्शनी में काठियावाड़ उच्च विद्यालय राजकोट की ओर से गांधी की अंक तालिका, रौलेक्ट एक्ट के विरोध में गांधी जी के इलाहाबाद में दिए गए भाषणों की सीआईडी रिपोर्ट जैसी अनेक दुर्लभ छायाचित्रों को लगाया गया है। यह आयोजन क्षेत्रीय अभिलेखागार की ओर से आयोजित किया गया। गांधी के प्रिय भजनों की संगीतमय प्रस्तुति आशुतोष श्रीवास्तव के निर्देशन में भोर एक सृजन संस्था की ओर से की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि कमिश्नर राजन शुक्ला ने कहा कि गांधी सहज भाव से आलोचनाओं को स्वीकार करते थे। अभिलेखागार के अमित कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी वास्तव में अपने समय से काफी आगे की सोच रखते थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. योगेश्वर तिवारी ने की। इस अवसर पर डॉ. यूसुफा नफीस, प्रो. धनंजय चोपड़ा, डॉ. सालेहा रशीद सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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