प्रतापगढ़ में एक्सईएन की फर्जी रिपोर्टिंग पर बिफरे कमिश्नर
सदर तहसील में मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में पहुंचे मंडलायुक्त के सामने जल निगम की टंकी चालू करने का मामला पेश हो गया। सात साल पुरानी पानी की टंकी चालू करने के मामले में अधिशासी अभियंता की फर्जी...
सदर तहसील में मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में पहुंचे मंडलायुक्त के सामने जल निगम की टंकी चालू करने का मामला पेश हो गया। सात साल पुरानी पानी की टंकी चालू करने के मामले में अधिशासी अभियंता की फर्जी रिपोर्टिंग पर मंडलायुक्त बिफर पड़े। उन्होंने अधिशासी अभियंता को जमकर फटकार लगाई और कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
बहलोलपुर डगैता के लोगों ने पहले भी कई शिकायती पत्र दिया था। मंगलवार को सब जितेंद्र सिंह व शारदा वर्मा के साथ पहुंचे तो तहसील दिवस में मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल भी मौजूद रहे। प्रार्थनापत्र के निस्तारण के संबंध में सवाल होने पर अधिशासी अभियंता जल निगम राजेश खरे ने एक सप्ताह में टंकी चालू करने का वायदा किया। ग्रामीणों ने उनसे लिखित चाहा तो वह तैयार हो गए। तुरंत ग्रामीणों ने उनकी पहले की आख्या पेश कर दी, जिसे अधिशासी अभियंता ने मुख्य अभियंता को भेजी थी। उसमें टंकी चालू बताई गई थी। यह देख कमिश्नर का पारा चढ़ गया और तहसील दिवस में ही उन्हें जमकर फटकार लगाई। साथ ही कार्रवाई की भी बात कही।
तहसील दिवस में भी कानून-व्यवस्था खतरे में !
सरकार वीआईपी कल्चर खत्म करने का लाख यत्न करे लेकिन अफसरों को यह रास नहीं आ रहा है। सभी अधिकारियों को कानून-व्यवस्था खराब होने या फिर आपदा प्रबंधन की ही स्थिति में नीली बत्ती लगाने को कहा गया है लेकिन तहसील दिवस में एक अधिकारी बाकायदा नीली बत्ती लगाकर पहुंचे। यही नहीं डीएम, कमिश्नर की मौजूदगी के बाद भी उनकी गाड़ी से नीली बत्ती नहीं हटाई जा सकी। अधिकारी की यह गाड़ी तहसील दिवस में पूरे समय तक खड़ी रही। इस बाबत एसडीएम सदर शशिभूषण राय ने बताया कि उनकी गाड़ी में एक माह से बत्ती नहीं है। बत्ती वाली टाटा सूमो किसकी है वह नहीं जानते। इस बाबत सीआरओ राम सिंह वर्मा ने बताया कि किसी भी अधिकारी को सिर्फ कानून व्यवस्था बिगड़ने या फिर आपदा प्रबंधन की स्थिति में ही नीली बत्ती लगाने का अधिकार है। ऐसे में अधिकारी को नीली बत्ती के ऊपर कवर लगा लेना चाहिए।