फोटो गैलरी

Hindi Newsगांव बाग बधिक में रामवीर पर जमकर बरसे वोट

गांव बाग बधिक में रामवीर पर जमकर बरसे वोट

सहपऊ ब्लाक के छोटे से माजरे बागबधिक के लोगों का भले ही जरायम की दुनिया से गहरा नाता है। करीब 900 की आबादी वाले इस गांव में 26 हिस्ट्रीशीटर है, लेकिन पहली बार इस गांव के लोगों ने एक पार्टी को इतनी बड़ी...

गांव बाग बधिक में रामवीर पर जमकर बरसे वोट
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 17 Mar 2017 09:13 PM
ऐप पर पढ़ें

सहपऊ ब्लाक के छोटे से माजरे बागबधिक के लोगों का भले ही जरायम की दुनिया से गहरा नाता है। करीब 900 की आबादी वाले इस गांव में 26 हिस्ट्रीशीटर है, लेकिन पहली बार इस गांव के लोगों ने एक पार्टी को इतनी बड़ी संख्या में वोट दिया। बसपा प्रत्याशी रामवीर उपाध्याय का जादू इन ग्रामीणों के सिर चढ़कर बोला और उन्होंने पूर्व ऊर्जा मंत्री को पहली पसंद हुए 548 वोटरों में से 399 ने वोट दिए। अब उन्हें केवल गांव विकास की आस है। जो आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं किया।

वैसे को जिले की तीनों ही सीटों पर रोमांचक मुकाबला रहा, लेकिन सादाबाद सीट पर बसपा प्रत्याशी रामवीर उपाध्याय और लोकदल प्रत्याशी डॉ.अनिल चौधरी के बीच लोग कांटे की टक्कर मान रहे थे। मगर मतगणना के समय रिजल्ट ने लोगों को चौंकाकर रख दिया। रामवीर पहले ही राउण्ड से आगे चले और आखिरी तक उन्हें कोई पीछे नहीं कर सका। बात अगर सहपऊ ब्लाक की ग्राम पंचायत महरारा के माजरे बाग बधिक की करें तो यहां के मतदाताओं ने रामवीर उपाध्याय पर वोटों की बरसात कर डाली। गांव की आबादी करीब 900 है। इसमें से 548 कुल मतदाता है। इस बार बाग बधिक में ही मतदान केन्द्र बनाया गया। 386 नंबर इस मतदान केन्द्र पर कुल 420 वोट डाले गए। कुल 76.64 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें से 399 वोट बसपा प्रत्याशी रामवीर उपाध्याय को मिले। दो वोट रालोद प्रत्याशी डॉ. अनिल चौधरी, चार वोट समाजवादी पार्टी प्रत्याशी देवेन्द्र अग्रवाल, 12 वोट भाजपा प्रत्याशी प्रीति चौधरी, दो वोट कुसुमलता और बाकी नौ प्रत्याशियों को एक भी वोट नहीं मिला। एक वोट नोटा पर गया। इस तरह से रामवीर उपाध्याय को 95 प्रतिशत वोट हासिल हुए। पहली बार ऐसा हुआ है कि इस छोटे से माजरे के लोगों ने किसी एक प्रत्याशी पर इतनी बड़ी संख्या में भरोसा जताया है। इसके पीछे सबसे बड़ा एक कारण है। जिसे गांव के लोग इस चुनाव में प्रत्याशियों के सामने उठाते है। गांव के लोगों की सबसे प्रमुख मांग यहीं होती है कि उन्हें पुलिस बेवजह परेशान न करे। वारदात कहीं भी हो। इस गांव के वांशिदों पर पुलिस का कहर टूटता है। आये दिन आसपास के जिलों की पुलिस इस गांव में आकर दबिश देकर कुछ न कुछ बेकसूर लोगों को उठाकर ले जाती है और उन्हें जेल भेजकर अपनी पीठ थपथपा लेती है। इसके अलावा आज तक गांव के जाने के लिए कोई पक्का मार्ग तक नहीं है। इसलिए उन्हें उम्मीद है कि रामवीर उपाध्याय उनके गांव का विकास ही नहीं कराएंगे बल्कि उनका उत्पीड़न भी रोकेंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें