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आलू किसानों की जेब पर बढ़ेगा बोझ

चुनावी सीजन में अलीगढ़, हाथरस में होने वाले आलू से बने चिप्स अमेरिका भेजने की बात हो रही है। वहीं आलू किसानों का हाल जानिए तो उनको कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने को बारदाना तक नहीं मिल पा रहा। जिसके चलते...

आलू किसानों की जेब पर बढ़ेगा बोझ
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 09 Feb 2017 09:52 PM
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चुनावी सीजन में अलीगढ़, हाथरस में होने वाले आलू से बने चिप्स अमेरिका भेजने की बात हो रही है। वहीं आलू किसानों का हाल जानिए तो उनको कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने को बारदाना तक नहीं मिल पा रहा। जिसके चलते वह स्वंय ही बारदाना खरीदने को मजबूर हैं। इससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ना लाजिमी है।

जिले में 137 कोल्ड स्टोरेज हैं। जहां आलू किसान अपने आलू का स्टोरेज करते हैं। इस बार किसानों के सामने दिक्कत यह है कि कोल्ड स्टोरेज संचालक किसानों को बारदाना खरीद कर नहीं दे पा रहे हैं। हालांकि हर बार वसंत पंचमी के बाद जिले के सभी कोल्ड स्टोर में नए आलू के भंडारण का काम शुरू हो जाता था। पूर्व में आलू के रेट गिरने से कोल्ड संचालक भंडारण में कम रुचि ले रहे हैं। दरअसल हाथरस जिले में दाल, दलहन के अलावा आलू का अधिक उत्पादन होता है। यहां से आलू अन्य मंडियों में भी जाता है। कई कंपनियां आलू खरीद करने के लिए बाहर से भी आती हैं।

0-रेट गिरने से आलू हुआ धड़ाम

आलू शुरुआत में तो साढ़े सात रुपये का आलू बोरा बिका था। अब बीते दिनों में आलू के रेट धड़ाम हो गए। इस कारण कोल्ड स्टोरेज वालों ने आलू को बाहर निकाल दिया। किसानों ने मजबूरी में सस्ते दामों में आलू को बेच दिया। किसानों की लागत भी नहीं निकली है।

0-137 कोल्ड स्टोर हैं जिले में

जिलेभर में 137 कोल्ड स्टोर हैं। इनमें अधिकांश कोल्ड वाले बारदाना नहीं खरीद रहे हैं। संचालकों का कहना है कि किसान बारदाना लेने के बाद दूसरे कोल्ड में आलू को रख देते हैं। इस कारण किसानों को बारदाना नहीं दिया जा रहा है।

0-नोटबंदी की मार आलू पर

इस बार नोटबंदी की मार आलू पर पड़ रही है। कोल्ड स्टोरेज संचालकों के पास जो पैसा था उन्होने बैंक में जमा कर दिया है। भले ही निकासी बढ़ गई है, लेकिन कोल्ड वालों को जरुरत के अनुसार पैसा नहीं मिल पा रहा है। यह भी कारण है कि कोल्ड वाले बारदाना नहीं खरीद कर दे रहे हैं।

0-कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने प्रशासन को दिया पत्र

अलीगढ़-हाथरस कोल्ड स्टोरेज आनर्स एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि इस बार आलू का क्षेत्र काफी ज्यादा है। जो पुराना आलू नवंबर से कोल्ड से निकल जाता था। वह दिसंबर तक नहीं निकला था। जिस वजह से नया आलू समय से खुद नहीं पाया। वहीं अब 20 फरवरी से कोल्ड में आलू भंडारण का समय शुरु हो जाएगा। इसके चलते कोल्ड के बाहर वाहनों की लाइन लगेगी। जिस वजह से जाम न लगे इसके लिए पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। वहीं किसानों से भी कहा गया है कि वह पहले ही कोल्ड में भंडारण के लिए अपनी व्यवस्था करा लें।

0-वर्जन

पुराने व बड़े किसानों को बारदाना दिया जा रहा है। कुछ किसान आलू रखने के समय पर लाइन लंबी होने के चलते दूसरे स्टोरेज में चले जाते हैं। जिस वजह से कोल्ड में छोड़ी गई जगह व बारदाने दोनों का ही नुकसान होता है।

-अतुल अग्रवाल, सचिव, अलीगढ़-हाथरस कोल्ड आनर्स एसोसिएशन

आलू की पैदावार काफी हुई है, लेकिन बाजार में दाम आलू का काफी कम है। स्थिति यह है कि गुजरात में सरकार आलू पर ट्रांसपोर्टेशन के लिए सब्सिडी दे रही है। हम किसानों को बारदाना दे रहे हैं, लेकिन सीमित। वह आलू लेकर रखने आते हैं तो पुन: बारदाना दिया जाता है।

-विनीत केला, कोल्ड स्टोरेज संचालक

इस बार किसानों को बारदाना नहीं दिया जा रहा है। वैसे तो किसानों से बारदाना का इंतजाम करने के लिए कह दिया गया है। नोटबंदी के कारण पैसा नहीं है। इस कारण बारदाना नहीं दे पा रहे हैं।

-पवन तिवारी, कोल्ड स्टोरेज संचालक

इस बार बोरी 15 रुपये की, जालीदार बोरा 11 रुपये के अलावा सूतली का बंडल 1300 रुपए का बिक रहा है। नोटबंदी के कारण कोल्ड संचालक बारदाना नहीं खरीद रहे हैं। अभी रेट नहीं बढ़े, लेकिन बढ़ेंगे।

-गिरीश कुमार, वारदाना विक्रेता

एक तो आलू की इस बार लागत भी नहीं निकल पाई है। अब कोल्ड वाले खेत से आलू भरने के लिए बारदाना नहीं दे रहे हैं। काफी परेशानी हो रही है।

-रामकिशन, किसान

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