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आगरा के रईसजादे मेरठ से खरीदते थे विदेशी हथियार

विदेशी हथियारों के शौकीन आगरा में भी हैं। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे रईसजादे हैं जो विदेशी हथियार मेरठ से खरीदकर लाए हैं। मेरठ में रिटायर कर्नल देवेंद्र कुमार सिंह और उनके शूटर बेटे प्रशांत बिश्नोई...

आगरा के रईसजादे मेरठ से खरीदते थे विदेशी हथियार
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 02 May 2017 06:41 AM
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विदेशी हथियारों के शौकीन आगरा में भी हैं। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे रईसजादे हैं जो विदेशी हथियार मेरठ से खरीदकर लाए हैं। मेरठ में रिटायर कर्नल देवेंद्र कुमार सिंह और उनके शूटर बेटे प्रशांत बिश्नोई पर डीआरआई (राजस्व गुप्तचर निदेशालय) की कार्रवाई ने आगरा वासियों को भी हिला दिया है। किसने कब और कहां से हथियार खरीदा था। सोमवार को रईसजादों के बीच यह चर्चा आम थी। यह डर भी लोगों को सता रहा है कि कहीं वे किसी मुसीबत में नहीं फंस जाएं।

बरेटा, स्टार, बर्नाडली, बाल्थर, जेक, बेबले स्कॉट, अर्मानिस यह वे विदेशी ब्रांड हैं जिनके नाम से पिस्टलें बाजार में हाथों हाथ बिक जाती हैं। इन मार्को की पिस्टल कोई शस्त्र लाइसेंस धारक चाहे तो भी विदेश से खरीदकर नहीं जा सकता है। 1984 में भारत सरकार ने विदेशी हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। सेना और पुलिस के लिए भारत सरकार ही इन हथियारों की खरीद फरोख्त करती है।

राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अनुमति के बाद विदेशी हथियार खरीद सकते हैं। नियमत: तीन साल बाद वे इसे बाजार में बेच सकते हैं। बाजार में बेचने पर उन्हें मुंह मांगी कीमत मिल जाती है। मेरठ में रिटायर कर्नल के घर से विदेशी हथियारों का जखीरा मिला है। इससे इतना तो साफ है कि विदेशी हथियार खरीदने में नियमों को ताक पर रखा गया है। इतनी बड़ी संख्या में विदेशी हथियार आए कहां से यह तो जांच का विषय है।

शस्त्र विक्रेता तो यह बोलकर विदेशी हथियार बेचते हैं कि 1984 से पहले ग्राहक ने खरीदी थी। अब मजबूरी में बेच रहा है। वास्तव में पिस्टल कब और कहां से खरीदी गई। अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है। आगरा में बहुत कम शस्त्र विक्रेता हैं जो विदेशी हथियार मुहैया करा पाते हैं। ताजनगरी में भी बड़ी संख्या में हथियारों के शौकीन हैं। उनसे बातचीत में पता चला कि विदेशी हथियार खरीदने के लिए सालों से लोग मेरठ ही जाते हैं। विदेशी हथियार वहां आसानी से मिल जाता है। आगरा में ज्यादा लोग विदेशी पिस्टलें वहां से ही खरीदकर लाए हैं। पंद्रह से बीस लाख रुपये तक की पिस्टलें खरीदी हैं। अब सभी के होश उड़ गए हैं। जांच की आंच उन तक नहीं आ जाए यह भय सताने लगा है।

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