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जातिवाद की राजनीति से पिछड़ रहा यूपी, बिहार: शेखर सुमन

मूवर्स एंड शेखर्स से देशभर में लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने वाले अभिनेता शेखर सुमन यूपी और बिहार के पिछड़ेपन के लिए जातिवादी राजनीति को दोषी मानते हैं। उनका कहना है कि दोनों राज्यों में कोई दल नहीं...

जातिवाद की राजनीति से पिछड़ रहा यूपी, बिहार: शेखर सुमन
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 04 Mar 2017 10:11 PM
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मूवर्स एंड शेखर्स से देशभर में लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने वाले अभिनेता शेखर सुमन यूपी और बिहार के पिछड़ेपन के लिए जातिवादी राजनीति को दोषी मानते हैं। उनका कहना है कि दोनों राज्यों में कोई दल नहीं बल्कि दलदल है। सुमन होटल कोर्टयार्ड बाय मैरिएट में ‘हिन्दुस्तान से खास बातचीत कर रहे थे। उन्होंने चुटीले अंदाज में ये कहने में भी संकोच नहीं किया कि उन्हें तो बिहार में चुनाव लड़वाकर धकेला गया था। वे मानते हैं कि राजनीतिक लोगों को जुमलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि जुमलों से चुनाव जीता जाता तो वे भी सांसद होते।

व्यंगात्मक शैली के धनी और अपने शब्दों से कटाक्ष करने के लिए मशहूर शेखर सुमन कहते हैं कि बिहार और उत्तर प्रदेश की राजनीति में खास फर्क नहीं है। दोनों राज्यों में जातिवाद की राजनीति होती है। इसकी के चलते विकास कम हो रहा है। दोनों राज्य पिछड़े प्रदेशों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में जातिवाद का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। केवल और केवल विकास की बात होनी चाहिए। इससे तरक्की का रास्ता निकलता है। बोले-यही वजह है कि दोनों राज्यों में कोई दल नहीं है। बल्कि दलदल है। इस बार यूपी के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से सभी दलों के बड़े नेताओं द्वारा जुमलों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे बारे में सवाल पूछे जाने पर बोले-जुमले राजनीतिक लोगों की पर्सनालिटी पर मैच नहीं करते हैं। यदि जुमों से ही चुनाव जीता जाता तो वे भी सांसद होते। उन्होंने पुराना जिक्र छेड़ते हुए कहा कि उन्हें तो जब चुनाव मैदान में भेजा गया तो मात्र 13 दिन शेष बचे थे। उन्हें तो राजनीति में धकेल दिया गया था। अब यदि राजनीति में आऊंगा तो सोच समझकर आऊंगा।

माफिया के चंगुल में फंसी है बालीवुड इंडस्ट्री

शेखर मानते हैं कि बालीवुड इंडस्ट्री माफिया के चंगुल में फंसी है। वह कहते हैं कि जहां नाम, शोहरात और पैसा होगा वहां की चीजें माफिया के शिकंजे में रहेंगी। प्रतिभाशाली लोगों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता है। इस कोकस को खत्म करने की जरूरत है।

नोटबंदी का निर्णय जल्दबाजी में हुआ

शेखर सुमन का मानना है कि नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में लिया गया। पूरी तैयारी के साथ किया जाना चाहिए था। हां इतना जरूर है कि पीएम नरेंद्र मोदी का ये फैसला आने वाले वक्त के लिए अच्छा साबित होगा।

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