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साइट लाइक कर रकम कमाने के लालच में ठगे गए मथुरा के युवा

उन्हें क्या पता था कि उनका अपने बीच का ही युवक उन्हें पैसा कमाने का सपना दिखाकर ठगी का शिकार बना रहा है। वे तो बेरोजगारी के दौर में अपने की सलाह पर पोर्टल पर सदस्यता लेने के बाद एक-एक लाइक करके रुपये...

साइट लाइक कर रकम कमाने के लालच में ठगे गए मथुरा के युवा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 03 Feb 2017 09:10 PM
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उन्हें क्या पता था कि उनका अपने बीच का ही युवक उन्हें पैसा कमाने का सपना दिखाकर ठगी का शिकार बना रहा है। वे तो बेरोजगारी के दौर में अपने की सलाह पर पोर्टल पर सदस्यता लेने के बाद एक-एक लाइक करके रुपये कमाने का सपना देख रहे थे। गुरुवार को नोएडा की सोशल ट्रेड डॉट विज पोर्टल नामक कंपनी की ठगी का खुलासा होते ही अपने को ठगा देखकर बरसाना क्षेत्र के दर्जनों लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गयी।

गुरुवार को एसटीएफ ने एब्लेज इंफो सॉल्यूशंस कंपनी सेक्टर-63 नोएडा कंपनी के मालिक समेत तीन को पकड़कर देश के करीब साढ़े छह लाख लोगों से सोशल ट्रेड डॉट विज पोर्टल साइट से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा किया। कंपनी में कमई गांव का महेश दयाल भी शामिल है। इसकी जानकारी पर केवल कमई गांव ही नहीं आसपास के इलाकों के काफी लोगों के पैरों तले से जमीन खिसक गयी। इसका कारण वे भी कंपनी से जुड़ने के बाद लोगों को इससे जोड़े हुए थे। अब ठगे जाने के बाद काफी लोग तो जुवान खोलने से डर रहे हैं। अब उन्हें अपने रुपये पाने की चिंता के साथ ही पुलिस कार्रवाई का भय सता रहा है।

ऐसे लालच में फंस गए दर्जनों लोग

गांव कमई निवासी महेश दयाल ने बीटेक करने के बाद नोएडा की कंपनी सोशल ट्रेड डॉट विज पोर्टल में नौकरी करने लगा। पोर्टल में 5750 रुपये से 57500 तक की सदस्यता स्कीम लॉन्च की गई थीं। ग्रामीणों की मानें तो महेश ने अपने गांव के अलावा आसपास के लोगों को पोर्टल की सदस्यता लेकर पोर्टल को लॉगइन करने के बाद पेज पर ऑनलाइन लाइक करके रातोंरात लखपति बनने का सपना दिखाया तो बेरोजगारी के शिकार काफी लोग जुड़ गए। इसमें दिगंबर नामक व्यक्ति ने तो पांच लाख रुपये लगा रखे हैं, जबकि 5750 रुपये की सदस्यता लेने वालों की संख्या दर्जनों में है। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें सोशल साइट पर फोन से कमाई का फंडा समझाकर 5750 रुपये से 57500 रुपये के चेन सिस्टम में फंसाया गया। गांव से लेकर बरसाना और आसपास के काफी बेरोजगार एक लाइक करके हजारों रुपये कमाते थे।

अब पुलिस कार्रवाई से रहे हैं डर

ठगी के मामले का खुलासा होने के बाद बरसाना के गांव कमई निवासी आरोपी महेश दयाल के गांव जाकर जब हिन्दुस्तान संवाददाता ने पीड़ित युवाओं से इस बारे में बातचीत की तो कुछ युवा तो पुलिस कार्रवाई के भय अपना नाम नहीं बता रहे थे, लेकिन वह अन्य साथियों के नाम जरुर बताने लगे कि उन्होंने भी इसमें सदस्यता ली थी। ऐसे लोगों की संख्या दर्जनों में हैं। वे किसी से अपना दुखड़ा भी बयां नहीं कर पा रहे हैं। ऊपर से ठगी गई रकम को निकालने की भी चिंता सता रही है।

महेश न ऐसा था न उससे ऐसी उम्मीद थी

इस बारे में गांव जाकर जब लोगों से जानकारी की तो कुछ ऐसे लोग जिनके परिवार के लोग ठगे गए हैं, ने बताया कि महेश गांव का था। उसका चाल चलन भी ठीक था, लेकिन उससे ऐसी उम्मीद कतई नहीं थी कि वह अपनों से फरेब करेगा। चर्चा के दौरान ही गांव से लेकर बरसाना क्षेत्र के ठगी के शिकार हुए लोगों में से केशव, लछमन सेठ, शेर सिंह, लखन पटेल, देवो केशव, दशरथ, पवन, कन्हैया आदि के नाम सामने आए हैं।

सदस्यता खत्म होने की देती थी कंपनी धमकी

रुपये पाने की लालच में युवा दबाव में आने लगे थे। पीड़ितों ने नाम न खोलते हुए बताया कि कंपनी हर सदस्य को अपने नीचे तीन से चार सदस्य बनवाने का दबाव बनाती थी। सदस्य न बनाने की सूरत में सदस्य का पैसा कंपनी हड़प लेती थी।

बीटेक करके फरीदाबाद से की थी नौकरी की शुरूआत

बरसाना। सोशल साइट पर पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों को कमाई का झांसा देकर करोड़ों ठगने वाली कंपनी में टेक्निकल एक्सपर्ट के रूप में नौकरी करने वाले कमई निवासी महेश दयाल पुत्र गोपाल ने स्कूली शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से ली थी। इसके बाद दसवीं, बारहवीं बरसाना के राधाबिहारी इंटर कॉलेज से पास किया। तीन वर्ष पूर्व छाता के एक्सल कॉलेज से बीटेक किया। शुरू में उसने फरीदाबाद की एक प्राइवेट फैक्टरी में काम किया था। वहां से सोशल ट्रेड कंपनी का प्रलोभन देखकर महेश कंपनी से जुड़ गया। कंपनी ने उसे कंप्यूटर व सोशल साइट इंजीनियर की हैसियत से युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने व चेन सिस्टम को आगे बढ़ाने के काम पर लगा दिया। इसके बाद महेश दयाल देहात के युवकों को इस कंपनी से जोड़ने लगा, चूंकि महेश गांव का ही रहने वाला था, इस वजह से उसे इसका भरपूर लाभ मिला।

मां बोली, मेरा बेटा निर्दोष

आरोपी की मां केलादेवी बिलख-बिलखकर अपने बेटे को निर्दोष बता रही है। उनका कहना है कि उसका बेटा तो नौकरी करने गया था। कंपनी में नौकरी कर रहा है। इन पैसे वाले लोगों ने उसे फंसा दिया। कमई निवासी जगदीश सिंह, गणेश ने बताया कि महेश हंसमुख व मिलनसार था। महेश पिछले सप्ताह ही गांव आया था।

पैतृक मकान के अलावा मथुरा-फरीदाबाद में भी है सम्पत्ति

बरसाना। महेश के नोएडा में नौकरी करने के बाद आचार व्यवहार में तो ज्यादा बदलाव नहीं आया, लेकिन उसकी शान-ओ-शौकत में जरूर इजाफा हुआ। सूत्रों की मानें तो महेश ने कुछ समय पहले ही फरीदाबाद और मथुरा में करोड़ों की कीमत के मकान आदि सम्पत्ति खरीदी हैं। वहीं गांव कमई में कई बीघा जमीन के साथ उसकी पैतृक संपत्ति भी है।

चारों भाइयों में आरोपी सबसे छोटा

आरोपी महेश के अलावा उसके बड़े भाई दीनदयाल उर्फ गुड्डू, राम और विष्णु हैं। दो बड़े भाई गांव में रहकर खेती का कार्य करते हैं, जबकि भाई विष्णु उसके साथ फरीदाबाद में रहता है। अभी हाल ही में 22 जनवरी को महेश के बड़े भाई की शादी बड़े ठाट-बाट से हुई थी।

करहला के हैं महंत नृत्य गोपाल दास

रामकृष्ण जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास बरसाना के ही करहला गांव के रहने वाले हैं। कमई गांव वहां से कुछ दूर है। लोगों का कहना है कि जिस भूमि से निकले नृत्य गोपालदास जैसे संत धर्म ध्वजा फहरा रहे हैं। उसी के पास के गांव के युवा का ऐसे अपराध में नाम आने से क्षेत्र के लोग शर्मसार हैं।

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