खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता ग्राहक तय करेंगे
खाद्य कारोबार में ग्राहकों का फीडबैक मायने रखेगा। ग्राहकों की फीडबैंक पर ही खाद्य कारोबार निर्भर करेगा। गलत फीडबैक मिलने पर खाद्य सुरक्षा टीम प्रतिष्ठान जांच करेगी। गड़बड़ियां मिलने पर लाइसेंस तक...
खाद्य कारोबार में ग्राहकों का फीडबैक मायने रखेगा। ग्राहकों की फीडबैंक पर ही खाद्य कारोबार निर्भर करेगा। गलत फीडबैक मिलने पर खाद्य सुरक्षा टीम प्रतिष्ठान जांच करेगी। गड़बड़ियां मिलने पर लाइसेंस तक निरस्त हो सकता है। दरअसल फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने खाद्य कारोबारियों के लिए नई गाइड लाइन बनाई है।
गाइडलाइन के मुताबिक अब ग्राहक राजा होगा। खान-पान की गुणवत्ता को लेकर ग्राहक का फीडबैक कारोबारी के लिए मायने रखेगा। होटल-रेस्टोरेंट्स में साफ-सफाई में लापरवाही नहीं चलेगी। प्रत्येक खाद्य कारोबारी को अपने प्रतिष्ठान पर फूड सेफ्टी इंतजामों को दर्शाने वाला बोर्ड लगाना होगा। बोर्ड पर खाद्य लाइसेंस का नंबर, कारोबारी का मोबाइल नंबर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी का मोबाइल नंबर आदि ब्योरा लिखा जाएगा। साथ ही यह लिखना होगा कि खाद्य सुरक्षा के लिए क्या-क्या इंतजाम किए। खाद्य पदार्थों का निर्माण करने वाले कारोबारियों पर भी नई गाइडलाइन लागू होगी।
मोबाइल एप भी आएगा
ग्राहकों की फीडबैक मोबाइल नंबर पर दर्ज होगी। एफएसएसएआई इस पूरे सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए एक जल्द ही मोबाइल एप भी जल्द लांच करने जा रहा है। इसके माध्यम से ग्राहक की फीडबैक खाद्य कारोबारी और खाद्य सुरक्षा विभाग दोनों को मिलेगी।
10 हजार खाद्य कारोबारी
जनपद में छोटे-बड़े करीब 10 हजार खाद्य कारोबारी हैं। इनमें पांच हजार खाद्य कारोबारी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस प्राप्त हैं। छोटे-बड़े होटल्स व रेस्टोरेंट्स की संख्या भी करीब एक हजार है। एफडीए में पंजीकृत कारोबारियों पर भी यह नियम लागू होगा।
एफएसएसएआई ने नई गाइड लाइन बनाई है। ग्राहकों की फीडबैक के लिए खाद्य कारोबारियों को फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।
विनीत कुमार, सहायक आयुक्त, खाद्य (आगरा मंडल)