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आगरा के बाद मैनपुरी में सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार

सपा का गढ़ माने जाने वाले मैनपुरी जिले में मथुरा और फिरोजाबाद से अधिक लाइसेंसी हथियार हैं। मैनपुरी में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं जिनके पास दो से अधिक लाइसेंसी हथियार हैं। पिछले पांच साल में सबसे...

आगरा के बाद मैनपुरी में सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 06 Jan 2017 06:40 PM
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सपा का गढ़ माने जाने वाले मैनपुरी जिले में मथुरा और फिरोजाबाद से अधिक लाइसेंसी हथियार हैं। मैनपुरी में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं जिनके पास दो से अधिक लाइसेंसी हथियार हैं। पिछले पांच साल में सबसे अधिक लाइसेंस भी मैनपुरी में बने हैं। यही वजह है जनपद में आगरा के बाद मैनपुरी में सबसे ज्यादा हथियार है। उसने मथुरा और फिरोजाबाद को पछाड़ दिया है।

रेंज में आगरा लाइसेंसी हथियार के मामले में टॉप पर है। रेंज ऑफिस में रिकार्ड में 45000 लाइसेंसी शस्त्र दर्ज हैं। वैसे हर कार्यालय का रिकार्ड अलग है। डीएम ऑफिस, एसएसपी ऑफिस के आंकड़ों में लगभग दस हजार का अंतर है। जिसमें से लगभग 35 हजार शस्त्र जमा कराने का टारगेट है। वहीं मैनपुरी में शस्त्र लाइसेंस 24500 के आस-पास हैं। मथुरा और फिरोजाबाद में 19000 के करीब है। मैनपुरी में दोनों जिलों से लगभग साढ़े पांच हजार लाइसेंसी हथियार अधिक हैं। पांच साल पहले मैनपुरी में इतने लाइसेंसी हथियार नहीं थे। सख्ती के बावजूद सबसे अधिक लाइसेंस मैनपुरी में ही बने हैं। सभी जिलों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक लाइसेंसी शस्त्र जमा कराए जाने हैं।

जिला लाइसेंस

आगरा 45000

मैनपुरी 25500

मथुरा 19000

फिरोजाबाद 19120

आंकड़ों में अंतर के खोजे गए कारण

डीएम और एसएसपी ऑफिस के शस्त्र लाइसेंस के आंकड़े भिन्न-भिन्न हैं। पुलिस रिकार्ड के अनुसार जिले में 36659 लाइसेंस शस्त्र हैं। डीएम कार्यालय के अनुसार लाइसेंस धारकों की संख्या लगभग 47000 है। रेंज ऑफिस के आंकड़ों में इतनी संख्या 45000 है। आखिर यह अंतर क्यों हैं। इसके कई कारण सामने आए।

-एक व्यक्ति पर एक से अधिक लाइसेंसी शस्त्र हैं। एक पहले बना था। दूसरा बाद में। थाने में सिर्फ एक का रिकार्ड दर्ज है।

-जिन सैन्य कर्मियों ने अपने लाइसेंस बनवाए उन्होंने थाने में रिकार्ड दर्ज नहीं कराया। अनुमति के बाद दूसरे प्रदेशों में हथियार ले गए।

-जिन पुलिस कर्मियों के पास लाइसेंसी शस्त्र हैं। उन्होंने संबंधित थाने में रिकार्ड अपडेट नहीं कराया है।

-बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने शस्त्र लाइसेंस तो बनवा लिए मगर हथियार नहीं खरीदा है। हथियार खरीदने के लिए छह-छह माह की अनुमति बढ़वा लेते हैं।

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