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शुरुआती ढील के बाद बढ़ता गया था रामवृक्ष का कुनबा

स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह के तहत रामवृक्ष यादव ने अपनी सैकड़ों समर्थकों के साथ 15 मार्च-2014 जबाहर बाग में धरना प्रदर्शन करने आया था। सूत्रों की मानें तो इसके बाद वह यहीं पर अपना आशियाना बनाकर...

शुरुआती ढील के बाद बढ़ता गया था रामवृक्ष का कुनबा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 03 Mar 2017 11:50 PM
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स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह के तहत रामवृक्ष यादव ने अपनी सैकड़ों समर्थकों के साथ 15 मार्च-2014 जबाहर बाग में धरना प्रदर्शन करने आया था। सूत्रों की मानें तो इसके बाद वह यहीं पर अपना आशियाना बनाकर रहने लगा। सैकड़ों एकड भूमि में फैले जबाहर बाग में उसने अपने समर्थकों की झोंपड़ियां बनाकर रोका। इसमें रसोई,पाठशाला,प्रवचन स्थल,प्रशिक्षण स्थल आदि की अलग-अलग व्यवस्था की गयी। सभी कुछ व्यवस्थित था।

वह यहां प्रदर्शन दर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांग एक रुपये में साठ लीटर डीजल,पेट्रोल,बाबा जयगुरुदेव का मृत्यु प्रमाणपत्र,आजाद हिन्द फौज की बात करके जमे रहे। देखते ही देखते उनका कारवां बढ़ता गया। कई हजार समर्थकों के साथ ठहरे रामवृक्ष ने जबाहर बाग पर अवैध रूप से कब्जा करने की तैयारी सी कर ली। इस दौरान बाग में ठहरे कथित सत्याग्रहियों ने उद्यान कर्मियों के साथ मारपीट कर पथराव किया था। इनके खिलाफ सबसे पहली रिपोर्ट 7 जून 2014 को डीएचओ मुकेश कुमार ने 19 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी इसमें पुलिस कुछ खास कार्रवाई नहीं कर सकी इसके बाद उनके हौसले बढ़ते गये और वह उपद्रव करते रहे।

एसपी क्राइम राजेश सोनकर ने बताया कि दो जून-2016 से पहले रामवृक्ष और उनके समर्थकों के साथ थाना सदर बाजार में 16 मुकदमे दर्ज हो चुके थे। इसके बाद दो जून-2016 को ऑपरेशन जवाहरबाग हो गया। इसदौरान पुलिस ने 56 मुक दमें दर्ज करते हुए आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट भी लगाई।

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