मथुरा में 16 साल के संघर्ष के बाद मिला 992 करोड़ मुआवजा
गोकुल बैराज के प्रभावित किसानों के लिए इस बार की दीपावली और गोवर्धन पूजा खास रही। दो साल पहले 1 नंवबर 2014 को गोकुल बैराज मुआवजे के लिए सैकड़ों किसानों और पुलिस फोर्स के बीच हिंसा हुई थी, जिसमें दोनों...
गोकुल बैराज के प्रभावित किसानों के लिए इस बार की दीपावली और गोवर्धन पूजा खास रही। दो साल पहले 1 नंवबर 2014 को गोकुल बैराज मुआवजे के लिए सैकड़ों किसानों और पुलिस फोर्स के बीच हिंसा हुई थी, जिसमें दोनों ओर से करीब 50-50 लोग घायल हुए थे। 943 प्रभावित किसानों में से लगभग 935 किसानों को सरकार ने तकरीबन 992 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। गोकुल बैराज भूमि अधिग्रहण के बाद लगभग 16 साल तक प्रभावित किसानों ने मुआवजे के लिए संघर्ष किया था।
भाजयुमो नेता कुंवरसिंह निषाद के नेतृत्व में गोकुल बैराज पर 1 नवंबर 2014 को आंदोलनकारी किसानों व पुलिस फोर्स के बीच टकराव हुआ था। इसमें कुंवरसिंह निषाद, प्रवीन चौधरी, चंकी चौधरी, हेमंत निषाद, रामरतन, बाबा लक्ष्मनदास, किशोरी निषाद, भूपालदास, विनोद चौधरी, अमन ठाकुर आदि 11 लोग जेल गए थे। बाद में जमानत पर ये लोग रिहा हुए और लगभग 200 दिन तक राष्ट्रीय किसान संघ के बैनर तले धरना दिया। इससे दबाव बना और 943 प्रभावित किसानों में से लगभग 935 किसानों को सरकार ने तकरीबन 992 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया। जो किसान शेष रहे भी हैं, तो केवल भूमि के स्वामित्व संबंधी किसी वाद के कारण। गोकुल बैराज टकराव के दो साल बाद गांव दामोदरपुरा के लोग अपने आंदोलन के पूर्ण होते देख खुश हैं।